भोपाल : दिग्विजय सिंह ने खाली किया सरकारी बंगला, तीन ट्रकों में भरकर ले गए सामान

भोपाल : दिग्विजय सिंह ने खाली किया सरकारी बंगला, तीन ट्रकों में भरकर ले गए सामान

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-12 19:10 GMT
भोपाल : दिग्विजय सिंह ने खाली किया सरकारी बंगला, तीन ट्रकों में भरकर ले गए सामान

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया। श्यामला हिल्स स्थित B-1 बंगले से दिग्विजय सिंह ने तीन ट्रकों में भरकर अपना सामान शिफ्ट किया। बता दें कि हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी जाने वाली सभी सरकारी सुविधाएं बंद करने का आदेश दिया था। नोटिस मिलने के बाद दिग्विजय सिंह ने इस बंगले को खाली कर दिया। हालांकि बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, उमा भारती और बाबूलाल गौर अब भी उन्हीं बंगलों में हैं, जिनमें वो पहले थे। सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद समाजसेवी गणमान्य नागरिकों के नाते तीनों को उनके वही बंगले दोबारा आवंटित कर दिए।

कैलाश जोशी ने तर्क दिया था कि लंबे समय से वे समाज सेवा कर रहे हैं, इसी नाते उन्हें बंगला आवंटित करें। 10 बार से विधायक बाबूलाल गौर ने कहा कि वे 35 साल से लगातार विधायक हैं। इसलिए बंगला मेरे पास ही रहने दिया जाए। इसी तरह केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने मप्र का निवासी होने के साथ-साथ विधायक और बाद में मुख्यमंत्री होने की बात रखी। भोपाल लगातार आने-जाने का कारण भी जोड़ा। इन तर्कों के आधार पर सरकार ने तीनों को बंगले दे दिए। हालांकि दिग्विजय सिंह ने भी सरकार से आग्रह किया था कि वो राजनीति में सक्रिय हैं एवं उन्हे उनके आॅफिस के लिए यह बंगला आवंटित कर दिया जाए। लेकिन दिग्विजय सिंह का विरोध करके सत्ता में आई भाजपा सरकार उन्हें किसी तरह की रियायत देने के मूड में नहीं है। सीएम शिवराज सिंह ने उनके प्रस्ताव पर विचार तक नहीं किया। 

गौरतलब है कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने 19 जून को सरकारी बंगलों में काबिज पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास खाली करने का आदेश दिया था। सिविल लाइंस निवासी लॉ के छात्र रौनक यादव ने इस संबंध में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों कैलाश जोशी, दिग्विजय सिंह व उमा भारती को तत्कालीन राज्य सरकार ने सरकारी आवास आवंटित किए थे, लेकिन इन्होंने सीएम पद पर न रहने के बावजूद इन बंगलों पर कब्जा जमा रखा है।

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