महाराष्ट्र में शीघ्र मिलेंगे चार हजार नए डॉक्टर 

महाराष्ट्र में शीघ्र मिलेंगे चार हजार नए डॉक्टर 

Anita Peddulwar
Update: 2020-06-01 05:27 GMT
महाराष्ट्र में शीघ्र मिलेंगे चार हजार नए डॉक्टर 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के विभिन्न सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में फरवरी-2019 में एमबीबीएस परीक्षा उत्तीर्ण कर इंटर्नशिप पूरी करने वाले विद्यार्थियों को अस्थाई डिग्री प्रमाण पत्र दिया जाएगा। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने यह निर्देश दिए हैं। इस फैसले से एमबीबीएस परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थी महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल में पंजीयन करा सकेंगे। इससे लगभग चार हजार डॉक्टर कोरोना से लड़ाई में चिकित्सा सेवा देने के लिए उपलब्ध हो सकेंगे।

देशमुख ने रविवार को नाशिक स्थित महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. दिलीप म्हैसेकर को इंटर्नशिप पूरी करने वाले विद्यार्थियों को तत्काल डिग्री प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। देशमुख ने कहा, ‘इस फैसले से कोरोना काल में चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए बड़े पैमाने पर डॉक्टर उपलब्ध हो सकेंगे और स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव कम होगा।’ चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. संजय मुखर्जी और चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. तात्याराव लहाने ने संबंधित डॉक्टरों की सेवाएं चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत आने वाले अस्पतालों में लेने को कहा है। 

फरवरी 2020 में इंटर्नशिप पूरी करने वालों को दिए डाएंगे अस्थाई प्रमाणपत्र
महाराष्ट्र के विभिन्न सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में फरवरी-2019 में एमबीबीएस परीक्षा उत्तीर्ण कर इंटर्नशिप पूरी करने वाले विद्यार्थियों को अस्थाई डिग्री प्रमाण पत्र दिया जाएगा। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने यह निर्देश दिए हैं। इस फैसले से एमबीबीएस परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थी महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल में पंजीयन करा सकेंगे। इससे लगभग चार हजार डॉक्टर कोरोना से लड़ाई में चिकित्सा सेवा देने के लिए उपलब्ध हो सकेंगे।

 देशमुख ने  नाशिक स्थित महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. दिलीप म्हैसेकर को इंटर्नशिप पूरी करने वाले विद्यार्थियों को तत्काल डिग्री प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। देशमुख ने कहा, ‘इस फैसले से कोरोना काल में चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए बड़े पैमाने पर डॉक्टर उपलब्ध हो सकेंगे और स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव कम होगा।’  चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. संजय मुखर्जी और चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. तात्याराव लहाने ने संबंधित डॉक्टरों की सेवाएं चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत आने वाले अस्पतालों में लेने को कहा है। 
 

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