चौदह दिन चले विवाह का फैसला 10 साल बाद, पति को देने पड़े 22 लाख रुपए
चौदह दिन चले विवाह का फैसला 10 साल बाद, पति को देने पड़े 22 लाख रुपए
डिजिटल डेस्क,मुंबई। सिर्फ चौदह दिन चले विवाह को खत्म करने के लिए पति को अलग रह रही पत्नी को बांबे हाईकोर्ट में 22 लाख रुपए का भुगतान करना पड़ा है। दस सालों से एक दूसरे से अलग रह रहे पति-पत्नी समुपदेशन के बाद एक दूसरे से अलग होने के लिए रजामंदी जाहिर की और आपसी समझौते की प्रति न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे के सामने पेश की।
समझौते के तहत पति अपनी पत्नी को तीन किश्तों में 22 लाख रुपए का भुगतान करेगा। इस बीच पति-पत्नी दोनों आपसी सहमति के तहत तलाक के लिए संयुक्त रुप से कोर्ट में आवेदन दायर करेंगे। यहीं नहीं दोनों अदालत से आग्रह करेंगे उनके तलाक के निपटारे के लिए 6 माह की सामंजस्य बैठाने के लिए दी जानेवाली अवधि (कूलिंग आफ पिरियड) को नजर अंदाज किया जाए। यहीं नहीं पत्नी ने सहमतिनामे में विक्रोली कोर्ट में पति के खिलाफ प्रलंबित मुकदमे को रद्द करने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र देने के लिए भी रजामंदी जाहिर की है। जबकि पति ने मार्च 2021 तक 22 लाख रुपए का भुगतान करने का आश्वासन सहमति पत्र में दिया है। वैवाहिक विवाद से जुड़े इस दंपति का विवाह साल 2011 में हुआ था। 14 दिन भी इनका विवाह नहीं चल पाया था। और दस सालों से दोनों एक दूसरे अलग रह रहे है। आपसी मतभेद पत्नी ने विक्रोली कोर्ट में अपने पति के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। जिसे रद्द करने के लिए अब पत्नी ने एनओसी देने के लिए रजामंदी जाहिर की है। जो करीब दस सालों से चल रहा है।
मामले से जुड़े दोनों पति-पत्नी उच्च शिक्षित हैं। दोनों ने पिछली सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति के सामने मामले को आपसी सहमति के तहत सुलझाने की इच्छा जाहिर की थी। इसके चलते मामले की न्यायमूर्ति के चेंबर में सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों ने अपने विवाद के निपटारे से जुड़ी आपसी समझौते की प्रति न्यायमूर्ति के सामने पेश की। जिस पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने पति-पत्नी को समझौते की शर्तों का पालन करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति ने अब समझौते से जुड़ी शर्तों के पालन के विषय को देखने के लिए मामले की सुनवाई 15 मार्च को रखी है।