इस सत्र से गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक में अब मराठी में भी पढ़ाई

गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक नागपुर होगा पहला संस्थान इस सत्र से गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक में अब मराठी में भी पढ़ाई

Anita Peddulwar
Update: 2021-08-10 04:17 GMT
इस सत्र से गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक में अब मराठी में भी पढ़ाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के सदर स्थित गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक में विद्यार्थी इस सत्र से मराठी में भी पॉलिटेक्निक डिप्लोमा पढ़ सकेंगे। न सिर्फ उनकी कक्षा में अंग्रेजी-मराठी में पढ़ाई होगी, बल्कि परीक्षा के दौरान विद्यार्थी मराठी भाषा में उत्तर लिख सकेंगे। इस बदलाव के साथ ही गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक नागपुर का पहला ऐसा संस्थान बन गया है, जो क्षेत्रीय भाषा में विद्यार्थियों को तकनीकी पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कराएगा। 

समिति से सिफारिशें मान्य

गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति के प्रावधानों  के तहत अखिल भारतीय तंत्र शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा कुछ ही दिन पूर्व क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी पाठ्यक्रमों की पढ़ाई को मंजूरी दी गई है। इसके बाद शिक्षा संस्थान धीरे-धीरे इस बदलाव को अपना रहे हैं। गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक में मराठी में पढ़ाई शुरू कराने के लिए कुछ दिनों पूर्व महाराष्ट्र राज्य तकनीकी शिक्षा मंडल ने राज्य सरकार से सिफारिश की थी। प्राचार्यों की उपस्थिति वाली विद्वत समिति ने इस पर विचार करके सिफारिशें मान्य की, जिसके बाद राज्य सरकार ने मराठी में पढ़ाई कराने की मंजूरी दी है।  इस फैसले के तहत गवर्नमेंट  पॉलिटेक्निक में मराठी-अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पढ़ाई कराई जाएगी। विद्यार्थी भी अंग्रेजी या फिर मराठी में पेपर हल कर सकेंगे। संस्था प्राचार्य डॉ.एम.बी.डायगव्हाणे ने भरोसा जताया है कि इस बदलाव के बाद न केवल ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मराठी भाषी विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि संस्थान का रिजल्ट भी पहले से कहीं बेहतर होगा। 

ऐसा है एआईसीटीई का फैसला

उल्लेखनीय है कि एआईसीटीई ने कुछ दिनों पूर्व देश की सभी 22 मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराने का निर्णय लिया है। इस योजना को चरणबद्ध तरीके से साकार किया जाएगा। हालांकि एआईसीटीई ने स्पष्ट किया है कि क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को अंग्रेजी का ग्रेडेड पाठ्यक्रम भी पढ़ना होगा, ताकि वे प्रतिस्पर्धा के युग में कहीं पीछे न रहें। विद्यार्थियों को क्षेत्रीय भाषा में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने के लिए संबंधित भाषा में पाठ्यक्रम का अनुवाद होगा। इसके लिए एआईसीटीई ने विशेष सॉफ्टवेयर भी तैयार किया है। इसमें विद्यार्थियों को क्षेत्रीय भाषा में पाठ्यसामग्री उपलब्ध होगी। एआईसीटीई ने यह फैसला लेने के पूर्व देशभर में सर्वेक्षण किया था, जिसमें करीब 42 प्रतिशत विद्यार्थियों ने उनके राज्य की भाषा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की मंशा जाहिर की थी।

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