मंजूरी के बाद भी 1 हजार 700 सिंचाई कुओं की निधि अटकी

रोड़ा मंजूरी के बाद भी 1 हजार 700 सिंचाई कुओं की निधि अटकी

Anita Peddulwar
Update: 2021-10-25 09:27 GMT
मंजूरी के बाद भी 1 हजार 700 सिंचाई कुओं की निधि अटकी

डिजिटल डेस्क, कुरखेड़ा (गड़चिरोली)। धान उत्पादक गड़चिरोली जिले के किसानों के लिए सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवानेे मुख्य उद्देश्य को लेकर सरकार ने सिंचाई कुआ योजना क्रियान्वित की है। योजना के तहत जिले के विभिन्न तहसीलों में 1 हजार 700 कुओं को मंजूरी प्रदान की है लेकिन महीनों से इन कुओं के निर्माणकार्य के लिए निधि का आवंटन नहीं किए जाने से इस वर्ष खरीफ सत्र में किसानों को पर्याप्त सिंचाई की सुविधा नहीं मिल पायी। अब किसानों को निधि के लिए सिंचाई विभाग कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। बता दें कि, राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2016 से सिंचाई कुआ योजना क्रियान्वित की गयी है। योजना के तहत किसानों के खेत में कुओंे का निर्माणकार्य किया जाता है। इस निर्माणकार्य के लिए प्रति किसान लाभार्थी को ढाई लाख रुपए  तक का अनुदान उपलब्ध करवाया जाता है। वर्ष 2019-20 के दौरान सरकार ने गड़चिरोली जिले के लिए 1 हजार 700 कुओं के निर्माणकार्य को मंजूरी दी है।

मात्र संबंधित कुओं के लिए निधि मंजूर नहीं करने से किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मनरेगा अथवा अन्य योजनाओं के माध्यम से कुओं का निर्माणकार्य किया जाता है। लाभार्थियों का चयन होने के उपरांत भूजल सर्वेक्षण विकास विभाग द्वारा संबंधित किसान के खेत में पहुंचकर सर्वेक्षण किया जाता है। इसके बाद  कुआं निर्माणकार्य शुरू होता है। मंजूरी मिलते ही पहले अपने पैसों से किसानों ने कुआं निर्माणकार्य आरंभ किया। वर्तमान में 1 हजार 700 कुओं में से 50 फीसदी कुओं का निर्माणकार्य अंतिम चरणों में हैं लेकिन   संबंधित लाभार्थियों को अब तक अनुदान नहीं मिल पाया है। इस कारण किसानों ने रोष व्यक्त किया है। वन कानून की जटिल शर्तों के कारण गड़चिरोली जिले में किसी तरह की सिंचाई योजना नहीं है। धान उत्पादक किसानों को प्रकृति पर निर्भर रहकर फसलें उगानी पड़ती हैं। ऐसी स्थिति में सिंचाई कुआं योजना किसानों के लिए  किसी वरदान से कम नहीं है लेकिन  निधि की कमी के चलते यह योजना भी अब किसानों के लिए सिरदर्द बन गयी है।

 

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