नक्सलग्रस्त इलाकों में  पहुंची ज्ञान की गंगा,  98 विद्यार्थियों ने लिया एडमिशन 

नक्सलग्रस्त इलाकों में  पहुंची ज्ञान की गंगा,  98 विद्यार्थियों ने लिया एडमिशन 

Anita Peddulwar
Update: 2018-11-13 06:57 GMT
नक्सलग्रस्त इलाकों में  पहुंची ज्ञान की गंगा,  98 विद्यार्थियों ने लिया एडमिशन 

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  ‘ज्ञान की गंगा’ कहीं भी बहाई जा सकती है और कुछ ऐसे ही प्रयोग हो रहे हैं गड़चिरोली जिले के कुरखेड़ा गांव में। प्रधानमंत्री द्वारा चुने गए पिछड़े जिलों में से एक है गड़चिरोली जिला। इग्नू के नागपुर क्षेत्रीय केंद्र के प्रयासों व पोषण सोसाइटी ऑफ इंडिया नागपुर चैप्टर के सहयोग से कुरखेड़ा में जनजातियों के लिए विशेषज्ञ वार्ता और पोषण प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जा रहा है। 

इग्नू खुद बना अभियान का हिस्सा
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) ने विदर्भ के गड़चिरोली और यवतमाल में आदिवासी विद्यार्थियों तक शिक्षा पहुंचाने के लिए विशेष पहल की है। नक्सलग्रस्त भाग में उच्च शिक्षा की व्यवस्था उपलब्ध हो पाना मुश्किल काम है। इस बात को ध्यान रखते हुए इग्नू ने इन दोनों जिलों के अंदरूनी भाग में जाकर ‘ज्ञान गंगा’ नाम से जागरूकता अभियान शुरू कर बच्चों को न सिर्फ दाखिल दिलाया, बल्कि उनके लिए नियमित अभ्यास की व्यवस्था भी निर्माण की। इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक पी. शिवस्वरूप के मुताबिक उन्होंने निजी संस्थाओं के साथ मिलकर खुद इस अभियान में हिस्सा लिया और गड़चिरोली जिले का दौरा किया। इस दौरे के दौरान प्राथमिक पढ़ाई अभ्यास छोड़ चुके बच्चों और युवाओं ने जबर्दस्त प्रतिसाद मिला। ज्ञान गंगा अभियान के अंतर्गत जिले में शिविर लगाए गए। 

मटेरियल भी उपलब्ध करवाए जाते हैं
कुरखेड़ा से अंदर के गांव कोर्ची व अन्य गांवों के लोगों को स्पेशल स्टडी सेंटर कुरखेड़ा में सेंटर है।  सेल्फ स्टडी मटेरियल उपलब्ध करवाए जाते हैं। इग्नू द्वारा विद्यार्थियों की कांउसलिंग नागपुर और गड़चिरोली में की जाती है पर अब मोबाइल सेवा के माध्यम से भी काउंसलिंग की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण भागों में रहने वाले विद्यार्थी आम तौर पर रोजी-रोटी के जुगाड़ में लगे रहते हैं, जिस वजह से विद्यापीठ की व्यवस्था से अभ्यास करना ग्रामीणों के लिए मुश्किल काम है पर अब मोबाइल की काउंसलिंग सुविधा से इग्नू विद्याथियों की सहूलियतों के हिसाब से पढ़ाने का कार्य कर रही है। इग्नू माध्यम से गड़चिरोली कुरखेडा में 98 विद्यार्थी अभ्यास कर रहे हैं।

हम खुद पहुंचते हैं उनके पास
गड़चिरोली के कुरखेड़ा गांव में दूरदराज इलाकों से लोग पढ़ने आते हैं। दस किलोमीटर तक पैदल चलकर वे काउंसलर्स से मिलते हैं। हमारी पूरी टीम दूरदाराज इलाकों में जाती है। पढ़ाई में रुचि रखने वालों तक स्वयं पंहुचते हैं। वहां हम कई कार्यक्रम चला रहे हैं। आदिवासी इलाकों में जो विद्यार्थी दुर्गम क्षेत्रों में रह रहे हैं, उन्हें भी हम प्रेरित करते हैं। आज वे कई तरह के पाठ्यक्रमों में एडमिशन ले रहे हैं। एसएसटी विद्यार्थियों के लिए एजुकेशन फ्री है। हम ये भी चाहते हैं कि गर्ल्स एजुकेशन को ज्यादा बढ़ावा मिले।  -डॉ.पी. शिवस्वरूप, इग्नू, रीजनल डायरेक्टर
 

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