राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य ममहोत्सव के समापन में छाया रहा मप्र व छग का गेड़ी व करमा, झारखण्ड के सीएम सोरेन बोले - हमने छत्तीसगढ़ से बहुत कुछ सीखा व जाना है

रायपुर राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य ममहोत्सव के समापन में छाया रहा मप्र व छग का गेड़ी व करमा, झारखण्ड के सीएम सोरेन बोले - हमने छत्तीसगढ़ से बहुत कुछ सीखा व जाना है

Sanjana Namdev
Update: 2022-11-04 09:17 GMT
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य ममहोत्सव के समापन में छाया रहा मप्र व छग का गेड़ी व करमा, झारखण्ड के सीएम सोरेन बोले - हमने छत्तीसगढ़ से बहुत कुछ सीखा व जाना है

डिजिटल डेस्क , रायपुर। साइंस कॉलेज मैदान में तीन दिन से चल रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का गुरूवार को रंगारंग समापन हुआ। समापन समारोह में मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध गेड़ी व करमा नृत्य की धूम रही। दोनों राज्यों के नर्तक दलों ने इनकी शानदार प्रस्तुति दी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, हमारे राज्य में आज तक आदिवासी दिवस नहीं मना था। पहली बार हमने आदिवासी दिवस मनाया। आज इस मंच पर आ कर गौरव महसूस हो रहा है कि आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों को आगे बढ़ाने का प्रयास हो रहा है। श्री सोरेन ने कहा,  हमने छत्तीसगढ़ से बहुत कुछ सीखा है। झारखण्ड और छत्तीसगढ़ में बहुत समानताएं हैं। दोनों राज्यों में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पता लगाना मुश्किल  होता है कि कौन सा राज्य है? छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में आदिवासी नृत्य महोत्सव सिर्फ छत्तीसगढ़ में हो रहा है। हमारे यहां शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में  बहुत कार्य हुआ है। उन्होंने कहा, आदिम संस्कृति सभी को जोडऩे का काम करती है। छत्तीसगढ़ के मंच से यह पूरी दुनिया देख रही है। मुख्य अतिथि श्री सोरेन तथा मुख्यमंत्री श्री बघेल ने देश के कोने-कोन और विदेशों से आए कलाकारों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
 

करमा नृत्य से हुआ शुभारंभ
कृषि कर्म प्रधान नृत्य करमा, फसल कटाई और कृषि पर आधारित है। ढिधौरी के कलाकारों ने मांदर की थाप पर ,सिर में रंगीन पगड़ी और मोरपंख से सुसज्जित, लाल व काले परिधान में उत्साह के साथ प्रस्तुति दी। पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के आदिवासी समाज द्वारा किये जाने वाले सैताम नृत्य की सागर के कलाकारों ने प्रस्तुति दी। नृत्यों का राजा करमा के साथ गेड़ी नूत्य की प्रस्तुति छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के कलाकारों द्वारा दी गई। गेड़ी नृत्य ने तो समापन समारोह में समा बांध दिया। इस नृत्य को लेकर फिल्मी दुनिया की नामचीन हस्ती किरण खेर ने कहा था कि जमीन से ढाई फीट बांस का सहारा लेकर नृत्य करना अद्भुत है। फसल कटाई श्रेणी में छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य को प्रथम, ओड़ीसा के ढेंगसा को द्धितीय तथा हिमाचल प्रदेश के गद्दी नृत्य को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। विवाह संस्कार व अन्य श्रेणी में में झारखंड को तृतीय, ओड़ीसा को द्वितीय तथा सिक्कम को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। विशेष ज्यूरी सांत्वना पुरस्कार असम तथा गुजरात को दिया गया।

Tags:    

Similar News