जगह-जगह कचरे का ढेर, शौचालयों की स्थिति बदहाल, विज्ञापनों तक सीमित स्वच्छता के दावे

जगह-जगह कचरे का ढेर, शौचालयों की स्थिति बदहाल, विज्ञापनों तक सीमित स्वच्छता के दावे

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-20 08:31 GMT
जगह-जगह कचरे का ढेर, शौचालयों की स्थिति बदहाल, विज्ञापनों तक सीमित स्वच्छता के दावे

डजिटल डेस्क अनूपपुर । नगर पालिका परिषद अनूपपुर अंतर्गत लगभग 4300 परिवार  निवास करते हैं, शासकीय आवासों की संख्या को घटा दिया जाय तो यह आकड़ा 4 हजार के करीब है। जिसमें से आधी से ज्यादा आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती है। 2100 परिवार ऐसे हैं जिनका नाम गरीबी रेखा की सूची में दर्ज है। प्रथम चरण में 735 परिवारों को चिन्हांकित करते हुए उनके यहां शौचालय का निर्माण कराया गया। वहीं द्वितीय चरण में 1005 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें से 3 महीनें में सिर्फ 200 शौचालय ही पूर्ण हो पाए हैं। शौचालयों का उपयोग हितग्राही परिवारों द्वारा किया जा रहा है या वे अनुपयोगी है इसके सर्वेक्षण के बगैर ही नपा को दिसंबर माह में ओडीएफ प्रमाण-पत्र जारी किया जा चुका है। वर्तमान में भी स्थिति यह है कि खुले में शौच और जगह-जगह पर कचरे का ढेर नगर की पहचान बनता जा रहा है। वहीं नपा प्रबंधन विज्ञापनों और होर्डिग्स   में स्वच्छता के दावे कर रही है।
जगह-जगह कचरे का ढेर
द्वार-द्वार कचरा संग्रहण व डस्टबिन वितरण के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा चुके हैं जबकि इसका परिणाम यह निकला कि घर के सामने से कचरा एकत्रित कर उसे दूसरी ख्ुाली जगह पर फेंक दिया जाता है। तहसील  व जिला चिकित्सालय के पीछे स्थित कालोनियों में नाली के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। दोनों ही जगहों पर गंदगी के कारण वार्डवासी परेशान हैं। इसी तरह सामतपुर तिराहे पर स्थित विद्युत विभाग के कार्यपालन  यंत्री कार्यालय के समक्ष शहर का कचरा फेंका जा रहा है। पूर्व में बनाए गए कचरादानी स्वयं कचरे में तब्दील हो चुकी है।
 सार्वजनिक शौचालय भी बदहाल
15 वार्ड वाली नगर पालिका अनूपपुर, जिला मुख्यालय भी है। यहां  प्रतिदिन दूरदराज से  सैकड़ों की संख्या में लोग शासकीय कार्यालयों में आते हैं। सार्वजानिक शौचालय के नाम पर नगर के विभिन्न हिस्सों में चार सुलभ शौचालय के साथ ही पांच पीव्हीसी शौचालय लगाए गए हैं। पीव्हीसी शौचालयों की सफाई नहीं होने के कारण इसका उपयोग कर पाना किसी के लिए भी दुष्कर है। 1 लाख 40 हजार की लागत से खरीदे गए इन पीव्हीसी शौचालयों में पानी की व्यवस्था ही नहीं की गई है। जिसके कारण दुर्गंध और  गंदगी से आसपास के लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है
पार्षद ने की थी शिकायत
गत वर्ष अप्रैल माह में पार्षद अरूण सिंह द्वारा  कलेक्टर अनूपपुर व आर्थिक अपराध शाखा भोपाल को शिकायत की गई थी कि नपा परिषद अनूपपुर द्वारा स्वच्छता कार्य के लिए एनजीओ को बीते कई वर्षों से कार्य दिया गया है। स्वच्छता का कार्य कागजों में एनजीओ के द्वारा कराया जाकर प्रतिमाह 80 से 90 हजार रुपए का भुगतान एनजीओ को किया जाना प्रदर्शित किया जा रहा है जबकि इस कार्य में नपा के सफाई कर्मचारी, वाहन व डीजल का उपयोग किया जा रहा है। जिसके बाद यह मामला अब तक जांच में ही अटका हुआ है।
इनका कहना है।
इस संबंध में सीएमओ को अव्यवस्थाओं को स्थाई रूप से दूर करने के लिए  कहा जाएगा। साथ ही शौचालय निर्माण में गति लाने को भी निर्देशित किया जाएगा।
अजय श्रीवास्वत परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण

 

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