मेडिकल क्षेत्र में जनरल पर आरक्षण की मार , मेयो के 6 व मेडिकल के 3 विभागों में सीट ही नहीं

मेडिकल क्षेत्र में जनरल पर आरक्षण की मार , मेयो के 6 व मेडिकल के 3 विभागों में सीट ही नहीं

Anita Peddulwar
Update: 2019-04-04 05:45 GMT
मेडिकल क्षेत्र में जनरल पर आरक्षण की मार , मेयो के 6 व मेडिकल के 3 विभागों में सीट ही नहीं

डिजिटल डेस्क,नागपुर। मेडिकल क्षेत्र में सामान्य वर्ग पर आरक्षण की मार का असर साफ तौर पर दिख रहा है। डॉक्टरी की पढ़ाई अर्थात एमबीबीएस करने के बाद विशेषज्ञता अर्थात स्नातकोत्तर (पीजी) करने वालों के सामने संकट खड़ा कर दिया है। विभिन्न वर्गों को दिए गए 52 फीसदी आरक्षण के बाद नए सत्र में दो नए आरक्षणों को और शामिल कर लिया गया। सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़े वर्ग को 16 फीसदी और आर्थिक रूप से कमजोर के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू किया गया है। इस वजह से शहर के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) के 3 क्लीनिकल विभाग और इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेयो) के 6 क्लीनिकल विभागों में सामान्य वर्ग के लिए एक भी सीट उपलब्ध नहीं है, जबकि मेयो-मेडिकल के इन 9 विभागों में 16 सीटें हैं। वहीं, आकड़ों को देखें तो पीजी की परीक्षा में 3913 विद्यार्थी पास हुए, जिसमें 2024 विद्यार्थी अर्थात करीब 50 फीसदी सामान्य वर्ग के है। वहीं मेयो में 36 और मेडिकल में 90 ऐसी कुल 126 सीटें हैं।

आंकड़े इस प्रकार हैं-
पीजी के लिए पास विद्यार्थी -3913
सामान्य वर्ग के पास विद्यार्थी - 2024
सरकारी कॉलेज में कुल पीजी सीटें - 972
सामान्य वर्ग के लिए छोड़ी गईं सीटें -221
निजी कॉलेज में कुल सीट -469
सामान्य वर्ग के लिए छोड़ी गईं सीटें - 37

मनोरोग विभाग में कोई सीट नहीं-
मनोराेग विभाग में पीजी करने वालों के लिए नागपुर में कोई अवसर नहीं है, क्योंकि मेयो-मेडिकल में इस विभाग में एक भी सीट नहीं है। वहीं, मेयो में चर्मरोग विभाग में भी कोई सीट ही उपलब्ध नहीं है। 
वास्तविक स्थिति इस प्रकार है-
निजी कॉलेज में सामान्य वर्ग के लिए मैनेजमेंट कोटे के लिए रखी गईं सीटें- 150।
मैनेजमेंट कोटे की सीटों के लिए निजी कॉलेज की 3 गुना फीस देनी पड़ती है।
निजी कॉलेज में एनआरआई (अप्रवासी भारतीय) कोटे की सीट- 65।
निजी कॉलेज में एनआरआई कोटे की सीट की फीस 5 गुना होती है।

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