हिबानामा के जरिए मिली जमीन सरकारी नहीं, एफआईआर दर्ज करने का आदेश निरस्त

हिबानामा के जरिए मिली जमीन सरकारी नहीं, एफआईआर दर्ज करने का आदेश निरस्त

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-09 07:30 GMT
हिबानामा के जरिए मिली जमीन सरकारी नहीं, एफआईआर दर्ज करने का आदेश निरस्त

डिजिट डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट ने भोपाल के होटल व्यवसायी के खिलाफ जमीन की धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज करने का निचली अदालत का आदेश निरस्त कर दिया है। जस्टिस वीपीएस चौहान की एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि व्यवसायी को हिबानामा (गिफ्ट डीड )के जरिए मिली जमीन सरकारी नहीं है। इसलिए उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला नहीं बनता है।
हेराफे री कर किया जमीन पर कब्जा-
भोपाल निवासी होटल व्यवसायी सिंकदर हाफिज खान की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उन्हें भोपाल की नवाब बेगम साजिदा सुल्तान ने 27 मई 1987 को हिबानामा (गिफ्ट डीड) के जरिए कोहेफिजा में 17.80 एकड़ जमीन दी थी। इस जमीन पर होटल नूर-उस-सबा बना हुआ है। भोपाल निवासी हिफजुर्रहमान ने उनके खिलाफ भोपाल जेएफएमसी की कोर्ट में प्रकरण दायर किया कि उनके पक्ष में नवाब बेगम साजिदा सुल्तान द्वारा किया गया हिबानामा फर्जी है। उन्होंने दस्तावेजों में हेरफेर कर सरकारी जमीन पर कब्जा किया हुआ है।
खारीज हो गई थी याचिका-
इसके आधार पर 6 फरवरी 2017 को जेएमएफसी भोपाल ने सिंकदर हाफिज खान के खिलाफ भादंवि की धारा 420, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश कोहेफिजा पुलिस को दिया। इस आदेश के खिलाफ भोपाल के सेशन कोर्ट में अपील दायर की गई। सेशन कोर्ट ने जेएमएफसी के आदेश को उचित ठहराते हुए अपील खारिज कर दी।
हाईकोर्ट में दी चुनौती-
निचली अदालत के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। अधिवक्ता राजेश पंचोली ने तर्क दिया कि नवाब की ओर से याचिकाकर्ता के पक्ष में किए गए हिबानामा को कभी भी नवाब के वारिसों ने चुनौती नहीं दी है। सरकारी रिकॉर्ड में जमीन नवाब बेगम साजिदा सुल्तान के नाम दर्ज थी। हिबानामा के बाद जमीन याचिकाकर्ता के नाम पर दर्ज की गई है। याचिकाकर्ता ने अनावेदक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया था। उसका बदला लेने के लिए अनावेदक ने याचिकाकर्ता के खिलाफ मुकदमा लगाया है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने व्यवसायी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निचली अदालत का आदेश निरस्त कर दिया है।

Similar News