छतरपुर में 10 घंटे की मशक्कत के बाद 80 फुट गहरे बोरवेल से निकाली गई बच्ची

मध्य प्रदेश छतरपुर में 10 घंटे की मशक्कत के बाद 80 फुट गहरे बोरवेल से निकाली गई बच्ची

IANS News
Update: 2021-12-17 06:30 GMT
छतरपुर में 10 घंटे की मशक्कत के बाद 80 फुट गहरे बोरवेल से निकाली गई बच्ची
हाईलाइट
  • बचाव अभियान सफल रहा
  • बच्ची का इलाज जारी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। पुलिस और राज्य आपदा आपातकालीन रिजर्व बल (एसडीईआरएफ) के 10 घंटे से अधिक के लंबे प्रयास के बाद शुक्रवार को मध्य प्रदेश में 80 फीट गहरे बोरवेल से डेढ़ साल की बच्ची को निकाला गया।

दोपहर साढ़े तीन बजे बच्ची बोरवेल में गिर गई थी। गुरुवार से शुक्रवार तक दोपहर 1 बजे रेस्क्यू किया गया। छतरपुर जिला कलेक्टर के एक ट्वीट में कहा गया बचाव अभियान सफल रहा। बच्ची को बोरवेल से सुरक्षित निकाल लिया गया और उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। घटना दोपहर साढ़े तीन बजे की है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 350 किलोमीटर दूर छतरपुर जिले के नौगांव थाने में गुरुवार को लड़की की पहचान दिव्यांशी के रूप में हुई है।

दिव्यांशी 80 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी, जो एक खेत में खुला हुआ था, जहां वह अपनी मां के साथ गई थी। पुलिस के मुताबिक मां खेत में काम करने में व्यस्त थी और कुछ दूर पर बच्ची खेल रही थी। कुछ मिनटों के बाद  माँ ने देखा कि दिव्यांशी वहाँ नहीं है, उसने अपनी बेटी की तलाश शुरू कर दी। कुछ मिनटों की खोज के बाद  उसने पास स्थित एक बोरवेल से कुछ आवाज सुनी।

मां के जोर-जोर से रोने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन वे बच्ची को बचाने के लिए कुछ नहीं कर सके तो उन्होंने स्थानीय पुलिस को सूचना दी। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। पुलिस ने देखा कि दिव्यांशी 80 फीट गहरे बोरवेल में करीब 15 फीट गहराई में फंसी हुई थी। हालाँकि वह जीवित थी और जल्द ही उसे ऑक्सीजन सहायता प्रदान की गई।

इस बीच घटना की सूचना जिला प्रशासन को दी गई। बाद में ग्वालियर जिले से एसडीईआरएफ की एक टीम भी मौके पर पहुंची और तकनीकी उपकरणों के साथ बचाव अभियान में शामिल हुई। बचाव दल ने फिर लड़की की हरकत को पकड़ने के लिए एक सीसीटीसी कैमरा डाला और पाया कि लड़की जीवित थी।

उसी समय बचाव दल ने बोरवेल के समानांतर दो जेसीबी मशीनों का उपयोग करके एक छेद खोदना शुरू कर दिया। बचाव अभियान जारी रहने के बीच लड़की के परिवार के सदस्य और स्थानीय लोग मौके पर जमा हो गए और उसकी सुरक्षा के लिए प्रार्थना करना जारी रखा। एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि लड़की अगले कुछ घंटों तक रो रही थी, लेकिन बाद में वह चुप हो गई। सौभाग्य से वह जीवित थी, क्योंकि सीसीटीसी के माध्यम से उसकी गतिविधि लाइव थी, जो बचाव दल को अभियान जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करती रही थी।

 

(आईएएनएस)

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