मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के चलते गोंदिया जिले की सीमाएं सील

मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के चलते गोंदिया जिले की सीमाएं सील

Anita Peddulwar
Update: 2018-11-15 10:13 GMT
मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के चलते गोंदिया जिले की सीमाएं सील

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। गोंदिया जिले से सटे मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते आबकारी विभाग द्वारा जिले की सीमाओं को सील करते हुए एक चेक पोस्ट व 6 उडऩदस्तों के माध्यम से अवैध शराब तस्करी पर  कड़ी नजर रखी जा रही है। 

गौरतलब है कि गोंदिया जिले की सीमाओं से छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला व मध्यप्रदेश का बालाघाट जिला सटा होने से दोनों राज्यों में आगामी 28  नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान जिले से अवैध रूप से शराब की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए जिले की सीमाओं को सील कर दिया गया है। वहीं एक स्थायी चेक पोस्ट व एक अस्थायी चेक पोस्ट के साथ 6  उडऩदस्तों के माध्यम से कड़ी नजर रखी जाएगी। जिसमें मध्यप्रदेश के सीमा पर लगने वाले खैरलांजी रोड़ (बोंडरानी), घाटटेमनी आमगांव, बाघनदी, देवरी चेक पोस्ट के अलावा सभी छोटे मार्गों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। जिसके लिए 6 पथक का निर्माण किया गया है। जिसमें 2 निरीक्षक, 4 उपनिरीक्षक व 16 सिपाही का समावेश है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आबकारी विभाग के साथ-साथ पुलिस विभाग द्वारा भी सीमावर्ती क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा 11  दिसंबर को मतगणना के दौरान भी नाकाबंदी जारी रहेगी।

विशेष दस्ते रखेंगे नजर
गोंदिया जिले से सटे महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश की सीमा पर देवरी की स्थायी चेक पोस्ट के अलावा खैरलांजी मार्ग पर अस्थायी चेक पोस्ट तथा ६ पथक का गठन किया गया। जिनके माध्यम से शराब तस्करी पर कड़ी नजर रखी जाएगी। 
- प्रवीण तांबे, अधीक्षक राज्य उत्पादन शुल्क विभाग गोंदिया

इधर गोरेगांव में बढ़े अवैध व्यवसाय

गोरेगांव पुलिस थाने के अंतर्गत 45  ग्रामों का समावेश है। अधिकांश ग्रामों में विवादमुक्त समिति, शराब बंदी समिति व ग्रामीणों की मदद से अवैध शराब की बिक्री पर लगाम लगाया गया है। किंतु अनेक ग्रामों में अवैध शराब की बिक्री की जा रही थी। जिन पर नियंत्रण पाने के लिए तत्कालीन पीआई जितेंद्र बोरकर ने मुहिम चलाकर कार्रवाई करना शुरू कर दिया था। किंतु कुछ ही दिनों में पीआई का स्थानांतरण अन्य पुलिस थाने में कर दिया गया। पीआई बोरकर की कार्रवाई से इतनी दहशत अवैध व्यवसायियों में निर्माण हो गई थी कि कार्रवाई के बाद व्यवसाय शुरू करना उनके लिए टेढ़ी खीर हो गई थी। लेकिन उनका स्थानांतरण होने से फिर से अवैध व्यवसायों में बढ़ोतरी हो रही है।  

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