गोसीखुर्द : उत्खनन प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी, नोटिस जारी

गोसीखुर्द : उत्खनन प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी, नोटिस जारी

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-31 05:10 GMT
गोसीखुर्द : उत्खनन प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी, नोटिस जारी

डिजिटल डेस्क,नागपुर । गोसीखुर्द सिंचाई प्रकल्प की क्षमता को पूर्ववत करने के लिए भंडारा जिले के पवनी तहसील में इस प्रकल्प से रेत निकालने के कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है। इस टेंडर प्रक्रिया को भंडारा जिला परिषद सदस्य नरेश डहारे ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दावा किया है कि इस कार्य को करने के पूर्व पर्यावरण विभाग की अनुमति की जरूरत है, जो विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल (वीआईडीसी) ने नहीं ली है। 

यह है मामला
मामले में  हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, राज्य सिंचाई विभाग, वीआईडीसी व भंडारा जिलाधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, तब तक कोर्ट ने इस कार्य के लिए वर्क ऑर्डर जारी न करने को कहा है। याचिकाकर्ता के अनुसार, यदि किसी भी सिंचाई प्रकल्प की क्षमता कायम रखने के लिए उसमें से समय समय पर मलबा बाहर निकालना पड़ता है, लेकिन इसके लिए सिंचाई प्रकल्प का सर्वे करके उसमें कितना मलबा, कितनी रेत है यह पता लगा लेना चाहिए। वहीं उत्खनन के पूर्व इस कार्य क लिए पर्यावरण विभाग से भी अनुमति लेना जरूरी है। लेकिन नियमों की अनदेखी करते हुए कार्य किया गया।

याचिकाकर्ता के अनुसार, इस कार्य के लिए वीआईडीसी ने पर्यावरण विभाग की अनुमति लिए बगैर यह टेंडर प्रक्रिया आयोजित की है। वीआईडीसी द्वारा जारी विज्ञापन के अनुसार, इस कार्य में 2 करोड़ 1 लाख 71 हजार 716 ब्रास मलबा और 54 लाख 72 हजार 465 ब्रास रेत निकाली जानी है। याचिकाकर्ता ने यह टेंडर प्रक्रिया ही रद्द करने की विनती हाईकोर्ट से की है। हाईकोर्ट ने फिलहाल प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है, तब तक वर्क ऑर्डर न जारी करने को कहा गया है। याचिकाकर्ता की ओर से एड.माधव लाखे ने पक्ष रखा। उल्लेखनीय है कि लंबे समय से गोसीखुर्द का कार्य चल रहा है जिसे लेकर कई बार सवाल भी उठाए गए। 

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