गोटमार मेला में पत्थरों की बौछार से एक की मौत, 227 घायल, ८ गंभीर

गोटमार मेला में पत्थरों की बौछार से एक की मौत, 227 घायल, ८ गंभीर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-10 14:37 GMT
गोटमार मेला में पत्थरों की बौछार से एक की मौत, 227 घायल, ८ गंभीर

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/पांढुर्ना। जाम नदी पर गोटमार पेठ में पथराव के दौरान पांढुर्ना और सावरगांव पक्ष के 227 लोग हुए। जिसमें आठ लोगों को गंभीर चोटें आई। जिसमें दो लोगों को नागपुर रेफर किया गया। वहीं बेलगांव भुयारी के रहने वाले युवक शंकर पिता झिंगु भलावी उम्र 25 साल की दर्दनाक मौत हो गई। शाम 6.15 बजे आम सहमति से दोनों पक्षों ने जाम नदी से झंडा निकालते हुए मेले का समापन किया। शाम सात बजे सैकड़ों लोगों ने मां चंडिका मंदिर में पहुंचकर झंडा अर्पित कर पूजा-अर्चना की। मेले में पांढुर्ना पक्ष से 126 और सावरगांव पक्ष से 82 लोग घायल हुए। दूसरी ओर जानकारों ने बताया कि मेले में 227 से अधिक लोग घायल हुए, जिनका कैंपों की सूची में नाम शामिल नही हुआ।

इसके पहले सुबह दस बजे जाम नदी पर झंडेरूपी पलाश पेड़ के पूजन के साथ गोटमार मेले की शुरूआत हुई। मेले की शुरूआत के साथ ही दोनों पक्षों से पत्थरबाजी शुरू हो गई, जो देर शाम 6.30 बजे तक चली। स्थानीय प्रशासन ने दोनों पक्षों की आम सहमति के बाद खेल रूकवाया और मेले का समापन किया। सुबह से दोपहर तक गोटमार की गति धीमी रही। दोपहर एक बजे तक 84 लोग घायल हुए थे। दोपहर तीन बजे के बाद पथराव तेज हुआ, जिसके चलते देरशाम तक घायलों की संख्या 227 तक पहुंच गई। मेले के दौरान लोगों ने मां चंडिका के दरबार में पूजन किया। यहां झंडा अर्पित करने के बाद ही गोटमार मेले का पूर्ण समापन किया गया।

है पुरानी परम्परा
पोला पर्व के दूसरे दिन आयोजित होने वाले इस  गोटमार मेलो में  पांढुर्र्ना के जाम नदी के एक ओर सांवरगांव तो दूसरी ओर पांढुर्ना पक्ष के लोगएक दूसरे पर पत्थर बरसातें हैं । नदी के बीच सांवरगांव पक्ष वाले झंडा लगाकर इस झंडे को तोडऩे का प्रयास किया जाता है । इसी दौरान दोनों ओर से झंडा पाने के प्रयास के बीच पत्थर बरसाए गए। इस खूनी खेल में हर वर्ष सैकड़ों लोग घायल होते है  जबकि अब तक बहुत से लोगों ने इसमें अपनी जान गंवाई है तो वहीं पत्थरों से घायल होने के बाद जिंदगी भर के लिए भी लोग अपंग हो गए है।

कलेक्टर-एसपी ने रखी निगरानी
गोटमार मेले के आयोजन के दौरान पांढुर्ना शहर के आसपास के गांवों के लोगों के अलावा नागपुर, वरूड़, सौसर, छिंदवाड़ा, काटोल, नरखेड़ आदि शहरों से भी लोग पहुंचे। कलेक्टर वेदप्रकाश और एसपी अतुल सिंह ने वीआईपी गैलरी से गोटमार के दौरान हो रहे पथराव को दूरबीन से देखते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मेले के आयोजन में 39 डॉक्टरों के अलावा 700 से अधिक पुलिस बल की तैनाती रही। जिसमें लगभग पचास वरिष्ठ अधिकारी रहे। प्रशासनिक व्यवस्था के लिए जिला स्तर से एसडीएम और तहसीलदारों की ड्यूटी लगाई गई थी।

इकलौता बेटा था मृतक शंकर
गोटमार मेलास्थल से मृत अवस्था में लाए गए शंकर पिता झिंगु भलावी के पेट में आंतरिक चोट बताई जा रही है। बीएमओ डॉ. अशोक भगत ने बताया कि शरीर के ऊपर कोई चोट नही है। पीएम रिपोर्ट के आधार पर ही मौत के कारणों का सही पता चलेगा। एसडीएम अतुल सिंह ने बताया कि शंकर का पीएम डॉक्टरों की टीम करेगी। पीएम रिपोर्ट के बाद ही वास्तविकता सामने आएगी। शंकर अपने परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी तीन बहनें है। वह गांव में बकरी चराने का काम करता था।

उपचार के लिए बनी विशेष व्यवस्था
इस साल गोटमार मेले में घायलों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई। जिसके कारण केवल दो लोगों को नागपुर रेफर करना पड़ा। रामधक्के के समीप बनी पुलिया में एंबुलेंस के आने-जाने के लिए एसपी अतुल सिंह ने पुलिस बल लगाकर नई व्यवस्था बनाई। साथ ही मेले में घायलों के लिए कैंप पर चार एंबुलेंस की तैनाती रही। अस्पताल में भी छिंदवाड़ा और सौंसर से आए विशेषज्ञ डॉक्टरों ने घायलों का तत्परतापूर्वक उपचार किया।

पुलिस का वाहन पलटा, 8 घायल
गोटमार मेले में फोर्स भेजने के निर्देश मिलने के बाद उमरानाला से पांढूर्ना जा रहा डीजीपी रिजर्व फोर्स एसएएफ आठवीं बटालियन का वाहन सिल्लेवानी घाटी में अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसे में पुलिस वाहन में सवार 7 आरक्षक और एक हवलदार को चोटें आईं हैं। जिसमें दो लोग गंभीर रुप से घायल है।

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