मराठा आरक्षण पर सुनवाई : 16 फीसदी आरक्षण को भविष्य मे बढ़ा सकती है सरकार

मराठा आरक्षण पर सुनवाई : 16 फीसदी आरक्षण को भविष्य मे बढ़ा सकती है सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-08 10:25 GMT
मराठा आरक्षण पर सुनवाई : 16 फीसदी आरक्षण को भविष्य मे बढ़ा सकती है सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बॉबे हाईकोर्ट में दावा किया है कि आरक्षण को लेकर  संविधान में किए गए 102 वें संसोधन में राष्ट्रपति के अधिकारों को लेकर बनाई गई व्यवस्था की स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसलिए सरकार ने आरक्षण के लिए राष्ट्रपित की मंजूरी की प्रतिक्षा करने की बजाय खुद आरक्षण का फैसला किया है। सरकार ने यह फैसला अपने अधिकार क्षेत्र के तहत किया है। राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता बलविंदर सिंह ने कहा कि किसी भी समुदाय में असंतोष न हो इसलिए मराठा समुदाय को पिछड़े वर्ग में (ओबीसी) में शामिल नहीं किया गया है। क्योंकि यदि मराठा समाज को ओबीसी में शामिल किया जाता तो इससे असंतोष पैदा होने की आशंका थी। इसलिए मराठा समुदाय के लिए एसईबीसी के लिए नई श्रेणी बनाई गई है। इस श्रेणी में दिए गए 16 प्रतिशत आरक्षण को भविष्य में बढाया भी जा सकता है। 

मराठा आरक्षण को लेकर अदालत में सुनवाई जारी 

हाईकोर्ट में मराठा समुदाय को शिक्षा व नौकरी में 16 प्रतिशत आरक्षण के विरोध में कई याचिका दायर की गई है। इस पर सुनवई के दौरान राज्य सरकार की ओर से सिंह ने उपरोक्त दलीले दी।
 

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