ज्यादा दिन अधिवेशन नहीं चलाना चाहती सरकारः फडणवीस

ज्यादा दिन अधिवेशन नहीं चलाना चाहती सरकारः फडणवीस

Anita Peddulwar
Update: 2021-02-19 09:34 GMT
ज्यादा दिन अधिवेशन नहीं चलाना चाहती सरकारः फडणवीस

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  महाराष्ट्र विधानमंडल के कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में 1 से 8 मार्च तक के कामकाज की रुपरेखा ही तय हो पाई है। विधानमंडल के दोनों सदनों के कामकाज सलाहकार समिति की बैठक विधानभवन में हुई। जिसमें कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के चलते फिलहाल 8 मार्च तक का कामकाज तय किया गया। विधानमंडल के दोनों सदनों के कामकाज सलाहकार समिति की अगली बैठक 25 फरवरी को बुलाई गई है। जिसमें बाद के दिनों के कामकाज तय किए जाएंगे। बजट अधिवेशन की शुरुआत 1 मार्च से होगी। सरकार ने फिलहाल 8 मार्च को सदन में साल 2021-22 का बजट पेश करने की तारीख तय की है। 

विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने बताया कि बजट सत्र के पहले सप्ताह में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का अभिभाषण, अनुपूरक मांगें समेत अन्य कामकाज होंगे। उन्होंने कहा कि सत्र के दूसरे सप्ताह में बजट पेश होने वाला है। इस बारे में 25 फरवरी को बुलाई गई कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में अंतिम फैसला लिया जाएगा। जिरवाल ने कहा कि ऐसा पहली बार होगा कि जब अधिवेशन शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष पद रिक्त है। सरकार विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराने के बारे में फैसला लेकर राज्यपाल को सूचित करेगी। प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री अनल परब ने कहा कि कोरोना संकट बढ़ रहा है। इसलिए अधिवेशन के कामकाज को चरण बद्ध तरीके से तय किया जाएगा। 

चार सप्ताह हो बजट सत्र की अवधि
जबकि विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने सरकार से बजट अधिवेशन चार सप्ताह तक चलाने की मांग की थी। लेकिन सरकार की मानसिकता ज्यादा दिनों तक अधिवेशन चलाने की नजर नहीं आ रही है। अधिवेशन की अवधि को सरकार ने गुलदस्ते में रखा है। सरकार ने यदि सत्र की अवधि कम की तो साफ संदेश जाएगा कि सरकार समस्याओं से भाग रही है। फडणवीस ने कहा कि मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि अधिवेशन करीब आने के कारण कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन कोरोनाकाल में भी संसद का सत्र ठीक ढंग से चलता है। फडणवीस ने कहा कि राज्य में 75 लाख लोगों को बिजली कनेक्शन काटने के लिए नोटिस भेजी गई है। लोगों की समस्याओं को हम सदन में नहीं रखेंगे तो कहां रखें?

कोरोना जांच अनिवार्य 
बजट अधिवेशन के लिए विधानभवन में प्रवेश करने वाले सभी मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों और कर्मचारियों की कोरोना की आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य की गई है। कोरोना जांच के लिए 27 और 28 फरवरी को विधानभवन परिसर में व्यवस्था की गई है। इसके अलावा हर सप्ताह में शुक्रवार, शनिवार और रविवार को कोरोना जांच की व्यवस्था की जाएगी। अधिवेशन की अवधि में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए विधान भवन में 1 मार्च से निगेटिव प्रेशर सिस्टम कार्यान्वित किया जाएगा। मंत्री और राज्य मंत्रियों के साथ केवल एक अधिकारी को विधानभवन में प्रवेश दिया जाएगा। मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी सीमित क्षमता में प्रवेश दिया जाएगा।  सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए सदन में एक आसन पर एक सदस्य के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। दर्शक गैलरी और विद्यार्थी गैलरी में भी सदस्यों के बैठने का प्रबंध किया जाएगा  सदन के सदस्यों को एक कीट दी जाएगी। जिसमें एक फेस सिल्ड, मास्क, हैडग्लोवज, हैंड सेनिटाइजर बोतल रहेगी। विधायकों के निजी सहायक (पीए), वाहन चालक और सुरक्षा रक्षकों को विधानमंडल के बाहर तंबू में ठहरने की व्यवस्था की जाएगी।

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