सरकार ने MSP नहीं बल्कि SMP के बारे में फैसला लिया है : सीएम फडणवीस

सरकार ने MSP नहीं बल्कि SMP के बारे में फैसला लिया है : सीएम फडणवीस

Tejinder Singh
Update: 2018-09-02 14:19 GMT
सरकार ने MSP नहीं बल्कि SMP के बारे में फैसला लिया है : सीएम फडणवीस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। किसानों को कृषि उपज के लिए उचित समर्थन मूल्य देने के लिए महाराष्ट्र कृषि उत्पन्न (विकास व विनियम- 1963) कानून में संशोधन संबंधी राज्य मंत्रिमंडल के फैसले के बाद लगातार सामने आ रही व्यापारियों की नाराजगी पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरकार का रूख साफ किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते कई दिनों से व्यापारियों में डर का माहौल है। लेकिन मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बारे में नहीं बल्कि वैधानिक न्यूनतम मूल्य (SMP) के बारे में संशोधन को मंजूरी दी है। इसके लिए केंद्र सरकार ने एक मॉडल कानून राज्यों को भेजा है।

सरकार ने उसी आधार पर फैसला किया है। रविवार को मुख्यमंत्री ने वाशी में श्री कुलस्वामी सहकारी क्रेडिट सोसायटी के मुख्य प्रशासकीय कार्यालय के इमारत का उद्धाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य दो तरीके से दिए जाते हैं। जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और वैधानिक न्यूनतम मूल्य (SMP) का समावेश है। किसानों को फसलों पर MSP देने की दर केंद्र सरकार घोषित करती है। इसमें राज्य सरकार के पास कोई अधिकार नहीं होता है। जबकि SMP के तहत राज्य सरकार को दर तय करने का अधिकार होता है।

उदाहरण के तौर पर यदि कभी नौबत आई कि केंद्र सरकार ने किसी फसल की MSP में शामिल नहीं किया है और उसकी कीमत बाजार में गिर रही है। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को उस फसल SMP घोषित कर सकती है। उसके बाद SMP के तहत दर से कम पर कीमत पर किसानों से फसल लेने व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले ही कई कानूनों में इस तरह से सजा और दंड का प्रावधान किया जा चुका है। लेकिन कई लोगों ने इसका अलग -अलग मतलब निकाला। कई इलाकों में व्यापारियों ने व्यवहार बंद रखा। जबकि कहीं पर कृषि उत्पन्न बाजार समितियां बंद रहीं। लेकिन मुझे लगता है कि किसान और व्यापारी एक रथ के दो चक्के हैं। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना ही चाहिए। यह मूल्य देने का काम व्यापारियों को करना है। इसलिए सरकार को किसान और व्यापारियों को साथ लेकर चलना है। राज्य के किसानों को उचित दाम दिलाने के लिए सरकार कटिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने संबंधित कानून के संशोधन के प्रारूप को मंजूरी दी है। इस कानून के बारे में विधानमंडल के दोनों सदनों में चर्चा होगी। अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। राज्य सरकार ने इस कानून में SMP का प्रावधान किया है। इसके अनुसार SMP के तहत दाम नहीं देने वाले व्यापारियों के खिलाफ 1 साल की कैद और 50 हजार रुपए जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। 

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) से राज्य के किसानों और कृषि उत्पन्न बाजार समितियों का बड़ा फायदा होगा। इससे बाजार समितियों का महत्व बढ़ेगा। क्योंकि ई-नाम के जरिए केवल ट्रेडिंग की जा सकेगी। लेकिन प्रत्यक्ष रूप से कृषि उत्पाद का लेन-देन का काम बाजार समितियों में ही करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई मुंबई के वाशी की बाजार समिति को और मजूबत करने की कोशिश की जाएगी। 
 

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