विदेशी निवेश में महाराष्ट्र अव्वल, कांग्रेस का आरोप- झूठे आंकड़े पेश कर रही सरकार

विदेशी निवेश में महाराष्ट्र अव्वल, कांग्रेस का आरोप- झूठे आंकड़े पेश कर रही सरकार

Tejinder Singh
Update: 2018-11-15 12:44 GMT
विदेशी निवेश में महाराष्ट्र अव्वल, कांग्रेस का आरोप- झूठे आंकड़े पेश कर रही सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विदेशी निवेश के मामले में कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा प्रवक्ता माधव भंडारी ने दावा किया है कि निवेशकों को आकर्षित करने के में महाराष्ट्र पहले क्रमांक पर है। भंडारी ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली आघाड़ी सरकार के 14 सालों के शासनकाल में 3,14,129 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश हुआ था। जबकि भाजपा सरकार के 4 सालों में 3,36,000 करोड़ रुपए विदेशी निवेश राज्य में आया है। इसके बावजूद कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत प्रदेश की बदनामी कर रहे हैं।

भंडारी ने कहा कि सावंत द्वारा जारी एक सूची में विदेशी निवेश में दिल्ली को महाराष्ट्र से आगे दिखाया गया है, लेकिन साल 2014 से जून 2018 की अवधि में महाराष्ट्र में 3,36,000 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश हुआ है। जबकि दिल्ली में इस दौरान 2,41,600 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश आया है। इससे साफ है कि महाराष्ट्र प्रथम स्थान पर है।

उधर महाराष्ट्र कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि विदेशी निवेश के मामले में राज्य सरकार झूठे आंकड़े पेश कर रही है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा है कि सच्चाई सामने लाने के लिए फडणवीस सरकार निवेश को लेकर श्वेत पत्र जारी करे। गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में सावंत ने कहा कि हम पिछले एक साल से निवेश को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार हमारी बातों को अनसुना कर फर्जी आंकड़े पेश कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने विदेशी निवेश के आंकड़े पेश करते हुए कहा था कि अप्रैल से जून 2018 के दौरान महाराष्ट्र में सर्वाधिक विदेशी निवेश हुआ। लेकिन रिजर्व बैंक द्वारा दिए गए पहली तिमाही के आकड़ों के अनुसार रिजर्व बैंक के मुंबई कार्यालय के माध्यम से 16 हजार 152 करोड़ रुपए का निवेश आया। इस दौरान दिल्ली कार्यालय के मार्फत 27 हजार 241 करोड़ रुपयों का निवेश हुआ। इस हिसाब से विदेशी निवेश के मामले में महाराष्ट्र दूसरे क्रमांक पर है।

कांग्रेस सरकार का श्रेय ले रहे उद्योगमंत्री
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि उद्योग मंत्री देसाई जिस 30 फीसदी निवेश की बात कर रहे हैं, वह वर्ष 2000 से 2018 के दौरान आया कुल निवेश है। इन 18 वर्षों में 14 साल राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। देसाई कांग्रेस सरकार का श्रेय लूटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक के मुंबई कार्य़ालय के कार्यक्षेत्र में दादरा-नगर हवेली, दीव-दमण जैसे केंद्र शासित प्रदेश भी शामिल हैं। इसके साथ ही देशभर के कई उद्योगों के मुख्य कार्यालय मुंबई में हैं पर उनके उद्योग देश के दूसरे हिस्सों में भी हो सकते हैं। इस लिए उद्योग मंत्री निवेश का जो आकड़ा पेश कर रहे हैं क्या वह तर्कसंगत है?

निवेश के मामले में पहले नंबर पर कर्नाटक
सावंत ने कहा कि औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग (DIPP) के पिछले तीन वर्ष के आकड़ों को देखे तो पता चलता है कि निवेश के मामले में कर्नाटक पहले नंबर पर है, जबकि महाराष्ट्र पिछड़ गया है। सावंत ने ‘मेक इन इंडिया’ की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा मेक इन इडिया के दौरान 3018 सामंजस्य प्रस्ताव के माध्यम से 8 लाख चार हजार 897 करोड़ के निवेश और इससे साढे तीन लाख रोजगार का दावा किया था। मगर अभी तक 194 प्रस्ताव और 74,386 करोड़ रुपए का निवेश आने की बात खुद सरकार स्वीकार कर रही है।

यानि विगत तीन वर्षों में सरकार 10 फीसदी निवेश प्रस्ताव को भी क्रियांन्वित नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि सरकार का दावा था कि ‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2018’ के माध्यम से राज्य में 12 लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा और 36 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। लेकिन अब सरकार द्व्रारा दिए गए आकड़ों के अनुसार केवल 1834 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। यानि केवल डेढ़ फीसदी प्रस्तावों पर ही अमल हो सका।
 

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