इस सरकारी स्कूल में मधुमक्खियों ने डाला डेरा, 30 छात्र घायल

इस सरकारी स्कूल में मधुमक्खियों ने डाला डेरा, 30 छात्र घायल

Anita Peddulwar
Update: 2018-02-20 09:25 GMT
इस सरकारी स्कूल में मधुमक्खियों ने डाला डेरा, 30 छात्र घायल

 डिजिटल डेस्क,लाखांदुर(भंडारा)। ग्रामीण क्षेत्रों की सरकारी स्कूलों के हाल बड़े बुरे हैं। भंडारा जिले के  ग्राम आथली की एक स्कूल  के स्टूडेंट्स  काफी समय से मधुमक्खियों के छत्तों से परेशान हैं। पिछले 15 दिनों के भीतर मधुमक्खियों ने 30 से अधिक बच्चों को घायल कर दिया है। शाला के सामने स्थित बरगद के वृक्ष पर 100 से अधिक छत्ते होने की वजह से यहां के टीचर स्कूल की खिड़कियां व दरवाजे लगाकर पढ़ाने के लिए मजबूर हैं। इस मामले को लेकर ग्राम पंचायत पदाधिकारी, ग्राम शिक्षा समिति व ग्रामवासियों ने शिक्षा विभाग तथा जिला प्रशासन को दो दिनों का समय दिया है। 200 वर्ष पुराने इस बरगद के पेड़ पर स्थित इन छत्तों का बंदोबस्त न किए जाने पर शाला को ताला लगाकर बंद करने की चेतावनी ग्रामवासियों द्वारा दी गई है।

एक ही मैदान में स्कूल,आंगनबाड़ी व ग्रामपंचायत भवन
करीब 1500 जनसंख्या वाले ग्राम आथली में जिला परिषद की स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र व ग्राम पंचायत भवन एक ही मैदान में  हैं।  इसी मैदान के बीच में काफी पुराना बरगद का पेड़  है, जिसकी शीतल छाया का सहारा यहां के बच्चों व कर्मचारियों को मिलती है । लेकिन इस प्राचीन वृक्ष के नीचे बने मधुमक्खी के छत्ते लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गए हैं।   पेड़ पर मधुमक्खी के करीब 100 से अधिक छत्ते भी नजर आते है। जिनके लिए भी यह पेड़ ही सहारा है। इनमें आग्या तथा यन्दया  ऐसे दोनों प्रकार की मधुमक्खियों के छत्तों का समावेश है।

वृक्ष के पास ही जलता है मिड डे मिल का चूल्हा
मैदान में स्थित जिला परिषद की शाला में कक्षा पहली से सातवीं तक कक्षा में 112 स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं । छह शिक्षक इन्हें शिक्षा प्रदान करते है। इसी शाला से सटे आंगनवाड़ी केंद्र में 60 बच्चे पढऩे आते हैं। इस बरगद के पेड़ के नीचे बोरवेल बनाई गई है। जिसका पानी शाला, आंगनवाड़ी व ग्राम पंचायत में इस्तेमाल होता है। सभी स्टूडेंट्स इसी बोरवेल पर पानी पीने जाते हैं। यहां जमा पानी देख मधुमक्खियां नीचे आती हैं।  शाला में मिड डे मिल पकाने हेतु चूल्हा जलाया जाता है। जिसके धुएं से भी यह मधुमक्खियां विचलित होकर इधर उधर उडऩे लगती है। इसी के चलते विगत 15 दिनों में करीब 30 बच्चों को यह मक्खियां डंक मार चुकी  हैं।

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