कानूनी पचड़े में पड़ने की बजाय स्कूली बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे सरकार : हाईकोर्ट
कानूनी पचड़े में पड़ने की बजाय स्कूली बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे सरकार : हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार फिलहाल कानूनी पेंच में पड़ने की बजाय स्कूली वाहनों में सफर करनेवाले बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व जस्टिस गिरीष कुलकर्णी की बेंच ने पीटीए फोरम की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। इससे पहले राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि स्कूली वाहनों को लेकर राज्य सरकार की ओर से बनाए गए नियम केंद्र सरकार के कानून के खिलाफ नहीं है।
इस पर बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार का कानून 13 से कम सीट वाले वाहनों को स्कूली वाहन के रुप में चलने की इजाजत नहीं देता पर सरकार अपने कानून के तहत 13 सीट से कम क्षमतावाले वाहनों को भी स्कूली वाहन के रुप में चलाने की इजाजत देती है। ऐसे में सरकार कैसे कह सकती है कि उसके नियम केंद्र के कानून के विपरीत नहीं है। इस विषय में राज्य सरकार हमे अगली सुनवाई के दौरान स्पष्टीकरण दे। बेंच ने कहा कि कानून के पेंच पर तो विचार किया जाएगा लेकिन पहले सरकार स्कूली वाहनों में सफर करनेवाले बच्चों की सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता में रखे। यह कहते हुए बेंच ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
हाईकोर्ट ने नवरात्री के दौरान डांडिया की अनुमति देने से किया इंकार
बांबे हाईकोर्ट ने नवरात्री के दौरान एक संगठन को मुंबई महानगरपालिका के मैदान पर डांडिया के आयोजन की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। यंगमैन एसोसिएशन ने महानगर के सायन-कोलीवाडा इलाके में डांडिया के आयोजन के लिए महानगरपालिका के पास आवेदन किया था लेकिन मनपा उनके आवेदन पर कोई निर्णय नहीं ले रही थी लिहाजा एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि हम एक दशक से अधिक समय से वहां पर डांडिया का आयोजन कर रहे है। हमने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। इस बार मनपा ने हमे अनुमति नहीं दे रही है।
मंगलवार को यह याचिका कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व जस्टिस गिरीष कुलकर्णी की बेंच के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान मनपा के वकील ने बेंच के सामने कहा कि डांडिया के आयोजन को लेकर हमे स्थानीय लोगों की 124 शिकायते मिली है। इसके अलावा आयोजनकर्ताओं ने गत वर्ष कई नियमों का उल्लंघन किया था। इसलिए हमने उन्हें डांडिया की अनुमति देने से इंकार किया है। इस बात को जानने के बाद बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया और डांडिया के आयोजन की अनुमति देने से इंकार कर दिया।