बांबे हाईकोर्ट की नसीहत: कुकरमुत्ते की तरह उग रहे स्कूलों-कालेजों पर नजर रखे सरकार 

बांबे हाईकोर्ट की नसीहत: कुकरमुत्ते की तरह उग रहे स्कूलों-कालेजों पर नजर रखे सरकार 

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-15 19:10 GMT
बांबे हाईकोर्ट की नसीहत: कुकरमुत्ते की तरह उग रहे स्कूलों-कालेजों पर नजर रखे सरकार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने विद्यार्थियों के हित के मद्देनजर कहा है कि नियमों व इनफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी शर्तों की अनदेखी कर कुकरमुत्ते की तरह उग रहे स्कूल व जूनियर कालेज पर सरकार नजर रखे। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे संस्थानों के कामकाज को देखनेवाले अधिकारियों पर भी कड़ी निगरनी रखना व सख्ती से निपटना अपेक्षित है। क्योंकि यह मौजूदा समय की जरुरत है। 

यह बात कहते हुए हाईकोर्ट ने इस विषय से संबंधित याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में दावा किया गया था कि राव एज्युकेशन ट्रस्ट द्वारा चलाए जानेवाले पांच जूनियर कालेज को लेकर ढांचागत सुविधाओं से जुड़ी सभी शर्तों का पालन नहीं किया है। फिर भी ट्रस्ट को कालेज शुरु करने की इजाजत दी गई है। यह याचिका महानगर निवासी मंजू जैसवाल ने दायर की थी। 

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि याचिकाकर्ता ने इस मामले में अपने से जुड़ी कई जानकारियां छुपाई है। जो याचिकाककर्ता के निहित स्वार्थ को व्यक्त करता है। इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है। 

राव एज्युकेशन ट्रस्ट की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने कहा कि दूसरे संस्थान को फायदा पहुंचाने के इरादे से यह याचिका दायर की गई है। हमने लगभग सभी शर्तों का पालन किया है। जो बाकी है उसका भी जल्द से जल्द पालन करेंगे। इन दलीलों को सुनने के बाद  खंडपीठ ने राव एज्युकेशन ट्रस्ट को राहत प्रदान की। इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि सरकार नियमों की अनदेखी कर खुल रहे जूनियर कालेज पर सरकार कड़ी नजर रखे और इन संस्थानों के कामकाज की जिम्मेदारी रखनेवाले अधिकारियों से भी कड़ाई से निपटे।
 

Tags:    

Similar News