महाराष्ट्र में RTE बना मजाक, 64 हजार बच्चे स्कूल से दूर

महाराष्ट्र में RTE बना मजाक, 64 हजार बच्चे स्कूल से दूर

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-08 12:30 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकारी सर्वे में महाराष्ट्र के 64 हजार ऐसे विद्यार्थी मिले हैं, जो स्कूल नहीं जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने शुक्रवार को राज्य सरकार को प्रदेश के 3 से 6 वर्ष तक के स्कूल से दूर बच्चों के आंकड़े प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं।

दरअसल पूर्व में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह सर्वेक्षण करने के आदेश दिए थे। शुक्रवार को कोर्ट में राज्य सरकार ने जानकारी दी कि उन्होंने सर्वेक्षण पूरा कर लिया है। अब कोर्ट ने सर्वेक्षण की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। याचिकाकर्ता के वकील फिरदौस मिर्जा ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि इस सर्वेक्षण में सरकार ने केवल 6 से 14 वर्ष तक के विद्यार्थियों का समावेश किया है। 

यह है मामला

याचिकाकर्ता मंगेश इंदापवार ने कोर्ट में याचिका दायर कर शाला बाह्य विद्यार्थियों का मुद्दा उठाया था। याचिकाकर्ता के मुताबिक सर्व शिक्षा अभियान के बाद भी राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं, जो स्कूल तक नहीं जा रहे हैं। 14 वर्ष से नीचे के बच्चों को अनिवार्य रूप से शिक्षा मिलनी चाहिए, मगर शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद भी तमाम बच्चे प्राथमिक शिक्षा से वंचित हैं। इसी संदर्भ में जनहित याचिका कोर्ट में दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि शिक्षा का अधिकार कानून का ठीक से पालन नहीं हो रहा है। इस याचिका का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने राज्य भर में सर्वेक्षण करने के निर्देश राज्य सरकार को दिए थे।

Similar News