आशा वर्कर की समस्याओं को हल करे सरकार -HC

आशा वर्कर की समस्याओं को हल करे सरकार -HC

Anita Peddulwar
Update: 2020-05-28 07:24 GMT
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आशा वर्कर की समस्याओं व बकाया मानधन के भुगतान की दिशा में अदालत के आदेश की प्रतीक्षा किए बिना जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने संबंधित सचिव को भी इस विषय को देखने का निर्देश दिया है। न्यामूर्ति एन जे जामदार की खंडपीठ ने यह निर्देश महाराष्ट्र राज्य गट प्रवर्तक और आशा स्वयं सेवक संघ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका के मुताबिक पूरे राज्य भर में 72 हजार आशा वर्कर हैं। इसमें से 62 हजार आशा वर्कर ग्रामीण इलाकों में तैनात हैं, जबकि शहरी इलाकों में तैनात पांच हजार आशा वर्कर ढाई हजार रुपये का भुगतान किया  जाता है।

मानधन में बढ़ोतरी की मांग को लेकर पिछले साल आशा वर्कर ने हड़ताल की थी। इसके बाद मानधन में बढ़ोतरी को लेकर सरकार ने सितंबर 2019 में शासनादेश जारी किया था। याचिका में इसी शासनादेश को लागू करने व बकाया मानधन के भुगतान का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका के अनुसार सरकार ने आशा वर्कर को कार्य के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक हजार रुपए का भत्ता देने को भी कहा था पर उसका भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। कोरोना के चलते घोषित लॉकडाउन के दौरान भी आशा वर्कर की सेवाएं जारी है।  याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि सरकार इस मामले में अदालत के आदेश की प्रतीक्षा किए बिना आशा वर्कर की समस्याओं को सुलझाने के लिए जरूरी कदम उठाए। इसके ही खंडपीठ ने सरकार को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। 

 

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