अनाज खरीदी में 9 करोड़ का घोटाला, शहपुरा मंडी के विक्रय अधिकारी के खिलाफ FIR दर्ज

अनाज खरीदी में 9 करोड़ का घोटाला, शहपुरा मंडी के विक्रय अधिकारी के खिलाफ FIR दर्ज

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-28 08:33 GMT
अनाज खरीदी में 9 करोड़ का घोटाला, शहपुरा मंडी के विक्रय अधिकारी के खिलाफ FIR दर्ज

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसानों से खरीदे जाने वाले अनाज के भुगतान में 9 करोड़ का घोटाला हुआ है। कलेक्टर छवि भारद्वाज के निर्देश पर इस मामले की जांच फूड कंट्रोलर चंद्रपाल सिंह जादौन ने जांच की थी, जिसमें मंडी के विक्रय अधिकारी कुलदीप शुक्ला पर अनियमितता बरतते हुए करीब 9 करोड़ रुपए की हेराफेरी करने के आरोप सही पाए गए। लिहाजा फूड कंट्रोलर की रिपोर्ट पर शहपुरा पुलिस ने मंगलवार की शाम कुलदीप शुक्ला के खिलाफ धारा 420, 406 का अपराध दर्ज कर विस्तृत जांच शुरू कर दी है। बता दें कि विगत दिनों शहपुरा अनाज मंडी के किसानों ने विक्रय अधिकारी कुलदीप शुक्ला के खिलाफ आरोप लगाते हुए कलेक्टर से शिकायत की थी कि किसानों के अनाज भुगतान में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है। आरोप था कि जिन किसानों ने हाल ही में अनाज बेचा था उनका भुगतान तत्काल कर दिया गया, जबकि महीनों पहले अनाज बेचने वालों का आज तक भुगतान नहीं किया गया।

79 ट्रक अनाज हुआ गायब
कुलदीप शुक्ला पर लाखों का अनाज गायब करने का भी आरोप था, फूड कंट्रोलर जादौन ने जांच में पाया कि 79 ट्रक अनाज को अलग-अलग वेयर हाउस में रखवाने की बातें विक्रय अधिकारी ने अपने दस्तावेजों में दर्ज की थीं, लेकिन वेयर हाउस में उनकी एन्ट्री नहीं थी।

फूड कंट्रोलर की जांच रिपोर्ट पर
विक्रय अधिकारी कुलदीप शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर विस्तृत छानबीन की जा रही है।
-आसिफ इकबाल, थाना प्रभारी शहपुरा

खामोश गवाह होता है फॉरेंसिक इन्वेस्टिगेशन

किसी भी वारदात के बाद घटनास्थल को पूरी तरह सुरक्षित किया जाना चाहिए और छोटे-बड़े हर पहलू पर एफएसएल टीम को बारीकी से जांच करनी चाहिए। क्योंकि एफएसएल से जुटाए गए भौतिक साक्ष्य खामोश गवाह होते हैं, जिनके जरिए आरोपी को सजा दिलाई जा सकती है। ये बातें मीडिया से बातचीत करते हुए एडीजी तकनीकी सेवा डीसी सागर ने कहीं। एडीजी सागर सोमवार की सुबह शहर पहुंचे, जिन्होंने रीजनल एफएसएल यूनिट का निरीक्षण करने के बाद पुलिस कंट्रोल-रूम में पुलिस अधिकारियों व एफएसएल अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने नए फॉरेंसिक इन्वेस्टिगेशन और साइबर तकनीकों के बारे में विस्तृत जानकारियां दीं। पुलिस कंट्रोल-रूम में आयोजित इस बैठक में एसपी अमित सिंह, रीजनल एफएसएल प्रभारी एसएस ठाकुर, डॉ. सीन ऑफ क्राइम मोबाइल यूनिट प्रभारी सुनीता तिवारी, वैज्ञानिक अधिकारी गौतमा मेश्राम, नीता जैन, पंकज बाजपेई, ज्योति तामसीकर, एएसपी राजेश तिवारी, सभी सीएसपी और थाना प्रभारी मौजूद रहे।

 

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