फसलों पर टिड्डियों का हमला, किसान फिर परेशान
फसलों पर टिड्डियों का हमला, किसान फिर परेशान
डिजिटिल डेस्क,नागपुर। तहसील के ग्राम खलालगोंदरी शिवार में अचानक फसलों पर टिड्डियों के हमले से किसान सहम गया है। फसलों की रक्षा कैसे की जाए, इसे लेकर प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। मध्यप्रदेश से यह टिड्डी दल सतपुड़ा पर्वत होते हुए महाराष्ट्र के संतरा उत्पादक मोर्शी तहसील में पहुंचा। वहां से वर्धा तहसील के ग्राम आष्टी में प्रवेश करने के बाद सोमवार को शाम चार बजे के करीब नरखेड़ तहसील के ग्राम खलालगोंदरी शिवार के देवीदास चौरे के खेत में घुसने के बाद तारा सावांगा शिवार की ओर बढ़ गया। यह टिड्डी दल लाखों की संख्या में है। यह दल रात को एक साथ सैकड़ों एकड़ की फसल को नुकसान पहुंचा रहा है और पेड़-पौधों की पत्तियों को चट कर रहा है। इस टिड्डी दल से सबसे ज्यादा खतरा सब्जी, संतरा, मौसंबी, नींबू की फसल को होता है। रातभर में कितना नुकसान होगा, इसे लेकर किसान चिंता में हैं।
तहसील कृषि अधिकारी ने बताए नियंत्रण के उपाय
नरखेड़ तहसील कृषि अधिकारी डॉ. योगीराज जुमड़े ने टिड्डी दल से बचाव तथा नियंत्रण के लिए उपाय बताए हैं। जैसे आग जलाना, ढोल-ताशे, बर्तन बजाना, ट्रैक्टर के सायलेंसर की आवाज करना। उन्होंने टिड्डी दल से फसलों की रक्षा के लिए रासायनिक दवा के छिड़काव को जरूरी बताया है। उन्होंने बताया कि, क्लॉरोपायरिफस 50 प्र.श., साइप्रमेथरिन 5 प्र.श. में 3 से 4 मि.ली. पानी मिलाकर छिड़काव करने से इन पर 55 प्र.श. नियंत्रण पाया जा सकता है। साथ ही लांडसायलॉहेथ्रीन 400 मि.ली. दवा 600 लीटर पानी में घोलकर रात से सुबह 7 बजे तक छिड़काव करने का सुझाव उन्होंने किसानों को दिया है।