नक्सलियों पर लगाम,  50 नक्सलियों ने किया सरेंडर  

नक्सलियों पर लगाम,  50 नक्सलियों ने किया सरेंडर  

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-09 06:39 GMT
नक्सलियों पर लगाम,  50 नक्सलियों ने किया सरेंडर  

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गड़चिरोली, चंद्रपुर व गोंदिया जिला नक्सलग्रस्त माना जाता है। इन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। बड़ी सफलता भी मिल रही है और यही कारण है कि वर्ष 2018 में 50 नक्सलियों ने समर्पण किया। इस वर्ष में 80 गांवों में नक्सलियों के लिए बंदी रख कर विरोध जताया गया। पुलिस की उल्लेखनीय कार्रवाई की प्रशंसा करते हुए नक्सल विरोधी अभियान के प्रमुख व विशेष पुलिस महानिरीक्षक शरद शेलार ने कहा कि हिंसा का समर्थन करने वाले नक्सलियों का प्रत्युत्तर देकर गड़चिरोली पुलिस विभाग के शूरवीर जवानों ने सफलता हासिल की। हिंसा के प्रवाह में भटक जाने वाले नक्सलवादियों को विकास की मुख्यधारा में लाने का प्रयास सभी स्तर पर किया जा रहा है। पुलिस की विशेष रणनीति के कारण वर्ष 2018 में नक्सलियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ में कई नक्सलियों को मारा गया, जिससे उनके दिल में डर पैदा होने लगा है। इस मुठभेड़ में 40 नक्सली मार गिराए गए। 

लगातार मिलती रही सफलता
प्रशासन की ओर से आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली जीवन की एक नई शुरुआत कर चुके हैं। अब युवा वर्ग नक्सलियों के साथ आंदोलन में शामिल होने को इच्छुक नहीं है। नक्सलियों का जनाधार कम हो गया है। वह निरपराध लोगों की जानें लेकर दहशत फैलाना चाहते हैं। हाल ही में 7 खूंखार नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण किए जाने की बात इसका सबूत है। इसका श्रेय गड़चिरोली पुलिस जवानों को जाता है। वर्ष 2018 में पुलिस जवानों ने विशेष अभियान के मार्फत 43 नक्सलियों व उनके समर्थकों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। उसी तरह 19 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। 

चार दशक से जड़ें जमा रहा नक्सलवाद
महाराष्ट्र में नक्सलवाद की शुरुआत करीब चार दशक पहले हुई। कहा जाता है कि यह वर्ष 1980 में तत्कालीन आंध्रप्रदेश (वर्तमान समय का तेलंगाना) से नक्सली आंदोलन शुरू हुआ था और धीरे- धीरे कई जिलों में फैल गया। जब इसकी शुरुआत हुई तब चंद्रपुर जिले के हिस्से वाले सिंरोचा क्षेत्र में सर्वप्रथम नक्सलियों ने प्रवेश किया। शुरुआत मंे नक्सली गड़चिरोली, गोंदिया, चंद्रपुर, भंडारा, यवतमाल और नांदेड़ में सक्रिय थे।  इन 6 जिलों में फैला नक्सलवाद अब गड़चिरोली व गोंदिया के कुछ तहसीलों तक सीमित हो गया है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में प्रशासन की कई योजनाएं शुरू किए जाने से नागरिकों की विचारधाराओं में बदलाव आने लगा है। पुलिस का दुर्गम क्षेत्र के गांवों से जनसंपर्क व संवाद के कारण वहां के नागरिकों का सहयोग मिलने लगा है।

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