शिवाजी महाराज स्मारक पर चार सप्ताह में केंद्र-राज्य सरकार को देना होगा जवाब

शिवाजी महाराज स्मारक पर चार सप्ताह में केंद्र-राज्य सरकार को देना होगा जवाब

Tejinder Singh
Update: 2018-08-28 13:17 GMT
शिवाजी महाराज स्मारक पर चार सप्ताह में केंद्र-राज्य सरकार को देना होगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अरब सागर में प्रस्तावित छत्रपति शिवाजी महाराज कि प्रतिमा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि आखिर इस मामले में अब तक केंद्र व राज्य सरकार तथा समुद्र तट प्रबंधन प्राधिकरण (MCZMA) ने अपना जवाब क्यों नहीं दिया? अदालत ने पूछा कि आखिर इस मामले में हलफनामा दायर करने में देरी क्यों हो रही है? मंगलवार को जस्टिस शांतनु केमकर व जस्टिस सारंग कोतवाल की बेंच ने राज्य सरकार व मामले से जुड़े अन्य प्रतिवादियों को चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

बेंच ने यह निर्देश  दि कंजरवेशन एक्सन ट्रस्ट की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि काफी समय पहले सरकार को इस मामले में जवाब देने के लिए कहा गया था लेकिन अब तक हलफनामा नहीं दायर किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रतिमा के निर्माण को लेकर पर्यवरण से जुड़ी मंजूरिया नियमों के विपरीत दी गई है। बड़े पैमाने पर एमसीजेडएम से जुड़े प्रावधानों की अनदेखी की गई है। याचिका में उठाए गए मुद्दे को लेकर मामले से जुड़े प्रतिवादियों की क्या भूमिका है यह उनके हलफनामे से ही स्पष्ट होगा।

इस पर बेंच ने कहा कि आखिर अब तक इस मामले को लेकर हलफनामा क्यों नहीं दायर किया गया है? इसमें विलंब क्यों हो रहा है। इस बीच एक अन्य अधिवक्ता ने कहा कि मेरे मुवक्किल प्रोफेसर मोहन भिडे ने भी इस विषय पर जनहित याचिका दायर की है। जिसमें प्रतिमा के निर्माण पर खर्च होनेवाली 3600 करोड रुपए की अनुमानित लगात पर सवाल उठाए गए हैं। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार पर काफी कर्ज है ऐसे में इतनी बड़ी रकम पुतले के निर्माण पर खर्च करने की बजाय बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए खर्च किया जाना चाहिए।

इस याचिका में यह भी दावा किया गया है पुतले के निर्माण से समुद्र के जीवों पर असर पड़ेगा। इसलिए मामले से जुड़ी सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की जाए। इसके बाद बेंच ने कहा कि इस विषय से जुड़ी सभी याचिकाओं को एकत्रित किया जाए। यह कहते हुए बेंच ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी। 

 

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