HC ने केन्द्र सरकार से मांगी कोरोना संकट में सेवा देते समय जान गंवाने वालों की लिस्ट

HC ने केन्द्र सरकार से मांगी कोरोना संकट में सेवा देते समय जान गंवाने वालों की लिस्ट

Anita Peddulwar
Update: 2021-01-08 12:33 GMT
HC ने केन्द्र सरकार से मांगी कोरोना संकट में सेवा देते समय जान गंवाने वालों की लिस्ट

डिजिटल डेस्क,मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से ऐसे डाक्टरों के बारे में जानकारी मंगाई है जिन्होंने कोराना काल में अपने प्राइवेट क्लिनिक खोले थे और मरीजों के इलाज के दौरान कोराना संक्रमण के चलते उनकी मौत हो गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार डाक्टरों की यह जानकारी बीमा कंपनियों से हासिल कर कोर्ट में पेश करें। इसके साथ ही अदालत ने केंद्र सरकार से यह भी जानना चाहा है कि क्या निजी दवाखाना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के दायरे में आते हैं। जिसके अतंर्गत कोरोना के चलते जान गंवानेवाले डाक्टरों के परिजनों के लिए 50 लाख रुपए के मुआवजे का प्रावधान किया गया है। 

न्यायमूर्ति एस जे काथावाला व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने यह निर्देश कोराना संक्रमण के चलते जान गंवानेवाले निजी डाक्टर की विधवा पत्नी किरण सुरगाडे की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका में सुरगाडे ने दावा किया है कि उसके पति आयुर्वेदिक डॉक्टर थे। नई मुंबई इलाके में उनका  निजी दवाखाना था। कोरोना संक्रमण के चलते मेरे पति ने अपना क्लिनिक बंद कर दिया था किंतु इस बीच 31 मार्च 2020 को नई मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त ने उन्हें एक नोटिस जारी किया। जिसमें मेरे पति को क्लिनिक खोलने का निर्देश दिया गया था। नोटिस में कहा गया था कि यदि वे क्लिनिक नहीं खोलते है तो उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। 

याचिका के मुताबिक इस नोटिस के बाद याचिकाकर्ता के पति ने अपना क्लीनिक खोला था। इस बीच वे मरीजो के इलाज के दौरान कोरोना वायरस के संपर्क में आ गए जिसके चलते उनका निधन हो गया। पति के निधन के बाद याचिकाकर्ता नेनई मुंबई मनपा के पास प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत 50 लाख रुपए के मुआवजे की मांग की थी लेकिन नई मुंबई मनपा व न्यू इंडिया एश्युरेंस कंपनी ने याचिकाकर्ता की इस मांग पर यह कह कर ठुकरा दिया कि उसके पति ऐसे किसी अस्पताल के डॉक्टर नहीं थे जिसे कोरोना मरीज के इलाज के लिए निर्धारित किया गया था।

 इसके बाद सुरगाडे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि उन्हें पीएमजीकेपी के तहत50 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर जारी करने का निर्देश दिया जाए। सुनवाई के बाद खंडपीठ ने केंद्र सरकार से जानना चाहा है कि क्या निजी दवाखाना पीएमजीकेपी के दायरे में आते हैं। खंडपीठ ने केंद्र सरकार को इस बारे में हलफनामा भी दायर करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई 13 जनवरी 2021 को रखी है। 
 

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