कैंसर मरीजों की मदद करने वाली संस्था से जमीन खाली कराने में हो नियमों का पालन - HC

कैंसर मरीजों की मदद करने वाली संस्था से जमीन खाली कराने में हो नियमों का पालन - HC

Tejinder Singh
Update: 2018-06-04 14:17 GMT
कैंसर मरीजों की मदद करने वाली संस्था से जमीन खाली कराने में हो नियमों का पालन - HC

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कैंसर मरीजों को दवा, उपचार व काउंसिलिंग के जरिए मदद करनेवाली एक गैर सरकारी संस्था को राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने साफ किया कि मुंबई महानगरपालिका ऐसी गैर सरकारी संस्था से नियमों का पालन किए बगैर जगह नहीं खाली करा सकती। जस्टिस अभय ओक व जस्टिस रियाज छागला की बेंच ने कैंसर एड एंड रिसर्च फाउंडेशन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान उपरोक्त बात कही।

याचिका में मनपा की ओर से जगह खाली करने को लेकर 2015 व अप्रैल 2018 में जारी नोटिस को चुनौती दी गई थी। याचिका के अनुसार मनपा ने 2003 में  याचिकाकर्ता (संस्था) को भायखला स्थित एक मनपा स्कूल के पांच कमरे लीव एंड लाइसेंस के आधार पर आवंटित किए थे। बाद में मनपा ने नोटिस जारी कर कहा था कि उसे अब इन कमरों की शैक्षणिक काम के लिए जरुरत है। इस लिए खाली किया जाए।

सोमवार को याचिकाकर्ता के वकील ओवेसी अनवर ने कहा कि हमने मनपा के सामने अपना पक्ष रखा था फिर भी मनपा ने इस मामले में नरम व उदारवादी रुख नहीं अपनाया है और नियमों का पालन किए बगैर हमे जगह खाली करने के लिए कहा है। जबकि स्कूल में पहले से काफी जगह खाली पड़ी है। इन दलीलों पर गौर करने के बाद बेंच ने कहा कि गैर सरकारी संस्था वहां कोई बड़ा मुनाफा कमाने वाला कारोबार नहीं कर रही है। संस्था वहां कैंसर मरीजों के लिए दवा संग्रहित करती है। साथ ही कैंसर मरीजों का बुनियादी उपचार व समुपदेशन करती है। लिहाजा मनपा इस संस्था को सिर्फ एक पत्र जारी करके नहीं हटा सकती। यदि मनपा गैर सरकारी संस्था को हटना चाहती है तो वह मुंबई म्युनिसिपल कार्पोरेशन एक्ट की धारा 105 बी के प्रावधानों का पालन करे। 
 

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