हद कर दी.... फर्जी प्रमाणपत्र से पद हासिल किया, पकड़े जाने के डर से बोगस मृत्यु प्रमाणपत्र पेश कर दिया
हद कर दी.... फर्जी प्रमाणपत्र से पद हासिल किया, पकड़े जाने के डर से बोगस मृत्यु प्रमाणपत्र पेश कर दिया
डिजिटल डेस्क, नागपुर। समीपस्थ डोंगरताल निवासी तथा सरपंच ने फर्जी जाति प्रमाण-पत्र का खेलकर बुरी तरह फंसा, तो मामले को बंद कराने के लिए अपना ही मृत्यु प्रमाण-पत्र भी पेश कर दिया। सरपंच का नाम नितेश श्रीराम सोनवाने (28) है। उसने 2018 मंे सरपंच पद के लिए अनुसूचित जाति के आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा। इस दौरान उसने फर्जीवाड़े की हद की। चूंकि अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र जांच समिति के पास पेश करना जरूरी था, इसलिए उसने चाल चली। वह जानता था कि दस्तावेज की जांच का अधिकार जाति जांच-पड़ताल अधिकारी गिरिपेठ, नागपुर को है, इसलिए उपविभागीय अधिकारी, रामटेक से 5 सितंबर 2018 को फर्जी कागजात देकर उक्त प्रमाण-पत्र हासिल कर लिया। इसी के बल पर अनुसूचित जनजाति में होने का दावा समिति के पास 26 फरवरी 2019 को किया। 18 जनवरी 2020 को समिति के ध्यान में आया कि उसके राजस्व दस्तावेज में “कुणबी माना” लिखा था।
लिहाजा, उसे पेश होने को कहा गया, लेकिन एक भी पेशी पर नहीं गया। अभी भी नितेश डोंगरताल के सरपंच पद पर कार्यरत हैै। इसी बीच, जांच समिति ने पड़ताल तेज की, तो नितेश ने फाइल बंद कराने के लिए रिश्तेदार के जरिए अपना मृत्यु प्रमाण-पत्र पेश कर दिया। उसकी मृत्यु की तारीख 5 अप्रैल 2021 है। 6 अप्रैल को मृत्यु की नोंदणी नागपुर महानगरपालिका में की गई है। हद तो यह है कि इस बीच 19 जुलाई 2021 को ग्रामपंचायत कार्यकारिणी की सभा लेने के लिए उसने सदस्यों को नोटिस भी भेजा, जबकि उसकी मौत का प्रमाण-पत्र 5 अप्रैल है। मामले का खुलासा होने पर नितेश के खिलाफ फौजदारी मामला दर्ज कराने की मांग आदिवासी विद्यार्थी संगठन तथा ऑर्गनाइजेशन फॉर राइट्स ऑफ ट्रायबल, नागपुर ने की है।