7 हजार की रिश्वत लेते प्रधान आरक्षक रंगेहाथ पकड़ाया, लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई
7 हजार की रिश्वत लेते प्रधान आरक्षक रंगेहाथ पकड़ाया, लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (वैढऩ)। लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को मुख्यालय वैढऩ स्थित अजाक थाना में एक प्रधान आरक्षक को 7 हजार रूपये रिश्वत लेते रंगेहाथ धरदबोचा। प्रधान आरक्षक का नाम सुनील कुमार विश्वकर्मा बताया जाता है जो कि यहां अजाक थाने में पदस्थ है। यह कार्रवाई लोकायुक्त एसपी रीवा के यहां माड़ा के बेतरिया गांव निवासी धनेश शाह द्वारा की गई शिकायत पर की गई। लोकायुक्त एसपी को धनेश द्वारा बताया गया था कि उसके खिलाफ अजाक थाने में गिरजाराम साकेत निवासी बेतरिया द्वारा मारपीट, गाली-गलौच व जातिसूचक शब्दो का उपयोग करने की शिकायत की गई है।
अजाक थाने में इस शिकायत की जांच प्रधान आरक्षक सुनील विश्वकर्मा द्वारा की जा रही है और उसने शिकायत को लेकर उस पर हरिजन एक्ट की कार्रवाई से बचाने के एवज में रिश्वत की मांग की है। पीडि़त धनेश द्वारा बताया गया कि प्रआ सुनील ने उससे पहले 30 हजार की डिमांड की थी, इसके बाद 10 हजार में मान गया था। रिश्वत की राशि तय होने के बाद उसने रास्ते में गत 17 जुलाई को 3 हजार रूपये रिश्वत के दिये थे। इसके बाद दूसरे ही दिन वह लोकायुक्त एसपी रीवा के पास प्रधान आरक्षक की शिकायत किया था।
ऐसे हुई कार्रवाई
धनेश शाह की शिकायत की पहले लोकायुक्त पुलिस ने छानबीन कर पहले पुष्टि कर ली। फिर इसके बाद शुक्रवार को सुबह करीब 11 बजे मुख्यालय वैढऩ स्थित अजाक थाने में आ पहुंची। इस दौरान शिकायतकर्ता धनेश भी रिश्वत के बाकी 7 हजार रूपये लेकर आ गया था, उसने प्रधान आरक्षक सुनील को फोन लगाकर अपने आने की सूचना दी। प्रधान आरक्षक ने उसे अपने पास अजाक थाने में बुलाया। अजाक थाने में सुनील जब रिश्वत के 7 हजार रूपये ले रहा था, तभी लोकायुक्त की टीम अचाकन मौके पर आ पहुंची और प्रधान आरक्षक को रंगेहाथ पड़ ली।
पुलिस महकमे में मचा हड़कंप
लोकायुक्त की अचाकन हुई इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया, थाने में स्टाफ के नाम पर कम लोग ही थे। जिससे कार्रवाई की खबर फैलने में थोड़ा समय लग गया। लेकिन कुछ देर बाद कार्रवाई की सूचना क्षेत्र में आग की तरफ फैल गई और इससे खासकर पुलिस महकमें में हर कोई सकते में आ गया।
बिजली को लेकर थी पुरानी रंजिश
लोकायुक्त एसपी के पास शिकायत करने वाले धनेश ने बताया है कि उसकी गिरजाराम साकेत से पुरानी रंजिश है। इसकी वजह यह है कि गिरजाराम अवैध रूप से उसकी बिजली की लाइन से बिजली चोरी कर मोटर पंप और घर की बिजली चलाता है। उसने कई बार विरोध किया था, लेकिन इस बार विवाद काफी ज्यादा बढ़ गया और इसके बाद ही उसने अजाक थाने में उसके खिलाफ शिकायत की थी।
इनका कहना है--
अजाक थाना सिंगरौली में पदस्थ प्रधान आरक्षक सुनील विश्वकर्मा के खिलाफ धनेश शाह द्वारा शिकायत की गई थी कि उससे 10 हजार रूपये की रिश्वत की मांग की गई है। जिसके बाद कार्रवाई की गई और प्रधान आरक्षक7 7 हजार रूपये रिश्वत के लेते रंगेहाथ पकड़ा गया है। जप्त 7 हजार रूपये में 500-500 रूपये की 14 नोट है।
- बीके पटेल, डीएसपी लोकायुक्त, रीवा