NEET काउंसलिंग : SC ने खारिज की मप्र सरकार की याचिका

NEET काउंसलिंग : SC ने खारिज की मप्र सरकार की याचिका

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-29 03:32 GMT
NEET काउंसलिंग : SC ने खारिज की मप्र सरकार की याचिका

डिजिटल डेस्क,भोपाल। NEET काउंसलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मप्र सरकार की याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के मूल निवासी छात्र-छात्राओं का मेडिकल-डेंटल कॉलेजों में प्रवेश लेने का रास्ता साफ हो गया । सुप्रीम कोर्ट ने इसी के साथ अब नए सिरे से समूची काउंसिलिंग प्रक्रिया महज 10 दिन में करने के आदेश दिए हैं।

मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के बाद मध्यप्रदेश के मूल निवासी छात्र-छात्राओं को मेडिकल-डेंटल कॉलेजों में एडमिशन का रास्ता साफ हो गया है। काउंसिलिंग के जरिए पहले भर चुकी 90 फीसदी सीटों को निरस्त कर दिया गया है। इसी के साथ अब नए सिरे से समूची काउंसिलिंग प्रक्रिया महज 10 दिन के भीतर पूरी करनी होगी। मध्यप्रदेश सरकार हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ मप्र शासन की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस शरद अरविन्द बोबड़े और जस्टिस नागेश्वर राव की युगलपीठ में सुनी गई। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव आए। जबकि मध्यप्रदेश के मूल निवासी छात्र-छात्राओं और जनहित याचिकाकर्ता विनायक परिहार की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पक्ष रखा।

क्या था हाईकोर्ट का आदेश ?

दरअसल हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश में साफ कर दिया था कि मध्यप्रदेश के मूल निवासी छात्र-छात्राओं को ही MBBS व BDS कोर्स में एडमिशन दिए जाएं। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश में साफ कर दिया कि 26 अगस्त से शुरू हो रही तीसरे चरण की काउंसिलिंग 11 जुलाई 2017 को राजपत्र में प्रकाशित रूल्स के शत-प्रतिशत अनुरूप आयोजित की जाए। इसमें NEET परीक्षा   परीक्षा में उत्तीर्ण आवेदकों को शामिल करके योग्यता के हिसाब से MBBS व BDS  सीटें आवंटित की जाएं।

 

 

 

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