व्यस्त जीवनशैली और तनाव से दिल खतरे में ,युवावस्था से ही सावधानी जरूरी

हृदयरोग विशेषज्ञ ने कहा व्यस्त जीवनशैली और तनाव से दिल खतरे में ,युवावस्था से ही सावधानी जरूरी

Anita Peddulwar
Update: 2022-06-02 09:15 GMT
व्यस्त जीवनशैली और तनाव से दिल खतरे में ,युवावस्था से ही सावधानी जरूरी

डिजिटल डेस्क, अमरावती।  स्वस्थ हृदय के लिए युवावस्था से ही सावधानी बरतनी जरूरी है। 15 वर्ष की आयु से यदि जीवनशैली पर ध्यान दिया जाए तो काफी हद तक इस स्थिति को टाला जा सकता है। व्यस्त जीवनशैली और तनाव हृदयरोग का मुख्य कारण हंै। 40 वर्ष की आयु के बाद हर व्यक्ति को फुलबॉडी चेकअप करना ही चाहिए। 
यह सलाह दी है शहर के मशहूर हृदयरोग विशेषज्ञ डा. हरीश बाहेती तथा डा. श्रीगोपाल राठी ने। गौरतलब है कि मंगलवार को कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद अचानक हृदयगति रुक जाने से मशहूर गायक  कृष्णकुमार कुन्नत (केके) का मात्र 53 वर्ष की आयु देहांत हो गया। गौरतलब है कि इससे पूर्व मशहूर कलाकार सिद्धार्थ शुक्ला का भी आयु के मात्र 40 वर्ष में हृदयाघात से ही देहांत हो गया था। निरंतर बढ़ते हृदयाघात के मामलों को देखते हुए दैनिक भास्कर ने शहर के हृदयरोग विशेषज्ञों से इसके कारण जानने का प्रयास किया।  

सवाल - एक्टिव पर्सन को हार्ट अटैक आने का कारण ?
जवाब - पब्लिक फिगर के जीवन में कई कारणों से तनाव रहता है। वह उसे नियंत्रित कर पा रहे हैंं या नहीं यह उनके लिए यह एक बड़ी चुनौती रहती है। बड़े पद पर या प्रतिष्ठित होने की वजह से व्यस्तता से तनाव व नींद न पूरी होने जैसी कई समस्याएं रहती हैं। 
सवाल - अगर किसी को हार्ट अटैक आ रहा है या कोई समस्या है तो उसका पता कैसे चलेगा ?
जवाब - जबड़े के नीचे और हृदय के पास और पेट के ऊपर के हिस्से में यदि दर्द या असामान्य लगता है तो उसे तत्काल हृदयरोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। हृदयघात आने पर अधिकतम 5 मिनट के अंदर मुंह से सांस देना, सीपीआर अर्थात सीने में हृदय वाली जगह पर दबाकर तत्काल अस्पताल में भर्ती करवाएं।
सवाल - क्या केके की बॉडी ने कुछ सिग्नल दिए होंगे जिन्हें वह नहीं समझ पाए?
जवाब - सीने में दर्द होने पर कई बार लोग उसे नजरअंदाज कर देते हैं। हृदयघात आने पर यदि 5 मिनट में उचित उपचार नहीं मिला या फिर उसे सही समय पर आईसीयू पर पहुंचाया तो बचना मुश्किल हो जाता है। 
सवाल - 50 से 55 की उम्र के बीच में हृदय से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं, इस उम्र में क्या सावधानी बरतनी चाहिए ?
जवाब - 40 वर्ष की उम्र से साल में एक बार नियमित पूरी बॉडी की जांच करवानी चाहिए। इसमें बीपी, शुगर, ट्रेडमिल, ईको आदि करवाना चाहिए सिर्फ रक्त की जांच कर छोड़ना भारी पड़ सकता है। यदि इसमें कुछ लक्षण मिलते हैं तो एंजियोग्राफी करना पड़ेगा। स्वस्थ जीवनशैली के लिए नियमित योग, व्यायाम, अच्छा खान-पान का पालनकरना चाहिए। तंबाकू, शराब आदि के सेवन से बचना चाहिए।

स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं 
स्वस्थ जीवनशैली से आधी से ज्यादा बीमारियों की समस्या खत्म हो जाती है। नियमित योग, व्यायाम करें। तनाव, बाहर का खाना, शराब, स्मोकिंग से बचें। हृदयघात आने पर तुरंत उपचार मिला तो बचने की संभावना बढ़ जाती है। - डॉ. हरीश बाहेती, हृदयरोग विशेषज्ञ

एक बार जांच जरूरी
40 साल की उम्र के बाद वर्ष में एक बार अपनी सुविधा के अनुसार तारीख तय कर हमेशा उस दिन जांच करवानी जरूरी है। इस दौरान पूरी बॉडी की जांच करनी चाहिए जिससे हृदय के स्वास्थ्य की जानकारी रहेगी। - डॉ. श्रीगोपाल राठी, हृदयरोग विशेषज्ञ
 

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