किसानों पर दोहरी मार, मूंगफली उत्पादन में भारी गिरावट

किसानों पर दोहरी मार, मूंगफली उत्पादन में भारी गिरावट

Anita Peddulwar
Update: 2018-05-22 10:39 GMT
किसानों पर दोहरी मार, मूंगफली उत्पादन में भारी गिरावट

डिजिटल डेस्क, मारेगांव (यवतमाल)।  मौसम की मार झेल रहे किसानों की बदकिस्मती साथ छोड़ते नहीं दिख रही है। रबी मौसम में नगद फसल के रूप में पहचाने जाने वाले मूंगफली के उत्पादन में इस वर्ष भारी गिरावट के कारण किसानों को पूरी तरह निराश किया है। जहां बीते वर्षों में जिन किसानों को प्रति एकड़ में 20 क्विंटल मूंगफली की फसल होती थी। वहीं इस वर्ष किसानों के हाथ मात्र 4 क्विंटल फसल ही आई है, जिससे किसानों की चिंताएं और भी बढ़ गई हैं।

भारी गिरावट का असर बाजार पर
गौरतलब है कि पिछले वर्ष जिले में गुलाबी बोंडइल्ली, कीटनाशक प्रकरण सहित मौसम के बदलते मिजाज के कारण किसान हताश हुए थे। इसके बावजूद उनके खेतों में जैसे-तैसे प्रति एकड़ करीब 20 क्विंटल मूंगफली का उत्पादन हुआ था। जो इस वर्ष भारी गिरावट के साथ मात्र 4 क्विंटल पर रहा। कुछ किसानों के खेतों में तो 2 से 3 क्विंटल ही मूंगफली की फसल हुई। स्थानीय किसानों का मानना है कि पिछले चार वर्षों में कृषि उपज थम सी गई है, जिसने लगातार किसानों का आर्थिक संकट बढ़ाया है। तापमान विभाग का अंदाज बिते वर्ष गलत निकला।  किसानों ने अपनी  खेती के लिए  कपंनी के बीज खरिदी किए थे, लेकिन उसमें के कई बीज फर्ज निकलने से और किसान गुलाबी बोंडइल्ली प्रादुर्भाव होने से उत्पादन में बड़े पैमाने पर कमी आई है।

परिणाम स्वरूप किसानों की बड़े पैमाने में हानि हुई, जिससे परेशान होकर कई किसानों ने जहर गटककर आत्महत्या कर ली। बता दें कि यवतमाल क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का भारी अभाव है। क्षेत्र के अधिकांश किसान बारिश पर निर्भर रहते हुए खेती करते हैं लेकिन मौसम की दगाबाजी से किसानों की खेतों में लगाई गई लागत भी नहीं निकल पाती है। लगातार फसलों का नुकसान होने से निराशावश किसान मौत को गले लगा लेते हैं। किसानों को घातक कदम उठाने के लिए रोकने के लिए प्रशासन द्वारा कदम उठाए जाने की मांग की जा रही है।

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