अतिवृष्टि प्रभावित किसानों ने श्मशानभूमि में मनाई काली दिवाली

औरंगाबाद अतिवृष्टि प्रभावित किसानों ने श्मशानभूमि में मनाई काली दिवाली

Anita Peddulwar
Update: 2022-10-25 09:35 GMT
अतिवृष्टि प्रभावित किसानों ने श्मशानभूमि में मनाई काली दिवाली

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद । मराठवाड़ा संभाग में वापसी की तेज बारिश से फसलें तबाह हुईं हैं। अतिवृष्टि के बावजूद सरकार से अब तक सहायता नहीं मिलने से गंगापुर तहसील के वाहेगांव के क्षुब्ध किसानों ने गांव की श्मशानभूमि में पहुंचकर काली दिवाली मनाई। अतिवृष्टि से सड़ी हुई प्याज, कपास व मक्का के साथ आंदोलन कर गीला अकाल घोषित कर हर किसान को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति देने की मांग नारेबाजी से कर सरकार का ध्यानाकर्षण किया गया।

किसानों का कहना था कि तबाही के बाद सरकार ने आश्वासन दिया था, पर उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बर्बाद फसलाें का अब तक पंचनामा नहीं किया गया। खेतों में अभी भी पानी भरा है। कपास, अरहर, मक्का, सोयाबीन आदि खड़ी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं।   आंदोलन में अनंता भड़के, नवनाथ मनाल, शरद हिवाले, लक्ष्मण गोरे, धनंजय चाफेकर, गोरखनाथ शिरसाठ, नारायण मनाल, ज्ञानेश्वर हिवाले, पांडुरंग मनाल, प्रल्हाद भड़के, प्रभाकर हिवाले, राहुल कारभार आदि शामिल हुए। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पैठण तहसील के दो गांवों का दौरा करते हुए क्षतिग्रस्त फसलों का अवलोकन कर सरकार से राज्य में गीला अकाल घोषित करने, प्रत्येक किसान को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपए क्षतिपूर्ति देने की मांग की थी। 

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