हाईकोर्ट का आदेश, केंद्र 6 माह में बनाए 'सीनियर सिटीजन पॉलिसी'

हाईकोर्ट का आदेश, केंद्र 6 माह में बनाए 'सीनियर सिटीजन पॉलिसी'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-06 13:54 GMT
हाईकोर्ट का आदेश, केंद्र 6 माह में बनाए 'सीनियर सिटीजन पॉलिसी'

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बाम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने केंद्र सरकार को 'सीनियर सिटीजन पॉलिसी' निर्धारित करने के आदेश दिए हैं। इसके लिए हाईकोर्ट ने केंद्र को 6 माह का समय दिया है। सीनियर सिटीजन की समस्याओं के समाधान, पेंशन हित और अन्य पहलुओं का ध्यान केंद्र को इस पॉलिसी में रखना होगा।

दरअसल नागपुर के ज्येष्ठ नागरिक मंडल ने कुछ समय पूर्व बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ को पत्र लिखा था। इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेकर स्वयं जनहित याचिका दायर की थी। बुधवार को कोर्ट ने दिए निर्देश में कहा है कि केंद्र सरकार के पॉलिसी निर्धारित करने तक प्रदेश सरकार को अपने ज्येष्ठ नागरिक संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। कोर्ट से इस याचिका का निपटारा कर दिया गया है। मामले में न्यायालीन मित्र आनंद परचुरे ने पैरवी की।

ये हैं उम्मीदें

देश के संविधान के अनुच्छेद 39 और 41 के प्रावधानों के मुताबिक राज्य में सीनियर सिटीजन के लिए पॉलिसी बनी है। इसमें सीनियर सिटीजन के लिए कई हितकारी प्रावधान हैं। उनकी उम्र सीमा 60 से बढ़ाकर 65 करने। श्रावणबाल निवृत्ति वेतन योजना का वेतन 1 हजार रुपए करने, उनका बीमा कराने, उनके लिए स्वतंत्र आयुक्तालय स्थापित करने, समस्या के समाधान के लिए संशोधन संस्थान स्थापित करने, हर जिले में समुपदेशन केंद्र स्थापित करने, सरकारी अस्पताल में सीनियर सिटीजन के लिए स्वतंत्र वार्ड शुरू करने, राजीव गांधी जीवनदायी योजना में उनका समायोजन करने जैसे उपाय शामिल हैं।

मामले में सीनियर सिटीजन ने दलील दी थी कि प्रदेश में उनके लिए जो नीतियां निर्धारित की गई हैं, उसका सही पालन ना होने से उनके हित संबंधी अनेक मुद्दे लंबित हैं। यहां तक की राज्य में वर्ष 2004 में सीनियर सिटीजन के लिए बनी समिति भी केवल कागजों तक ही सिमित है। इसके बाद न्यायालय ने स्वयं इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी। बुधवार को कोर्ट ने केंद्र सरकार को पॉलिसी बनाने के लिए 6 माह का समय दिया है। तब तक राज्य सरकार द्वारा तैयार ज्येष्ठ नागरिक नीति प्रभावी रहेगी।

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