उम्रकैद की सजा पाए आरोपी को हाईकोर्ट ने हज यात्रा पर जाने की अनुमति दी

उम्रकैद की सजा पाए आरोपी को हाईकोर्ट ने हज यात्रा पर जाने की अनुमति दी

Tejinder Singh
Update: 2018-08-05 13:27 GMT
उम्रकैद की सजा पाए आरोपी को हाईकोर्ट ने हज यात्रा पर जाने की अनुमति दी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा एक आरोपी को हज पर जाने की अनुमति प्रदान कर दी है। हाईकोर्ट ने पासपोर्ट कार्यालय को निर्देश दिया है कि वह आरोपी इकबाल काजी का पासपोर्ट एक साल के लिए रिन्यू (नवीनीकरण) करे। जस्टिस आरएम सावंत व जस्टिस रेवती मोहिते ढेरे की बेंच ने साफ किया है कि आरोपी अपने पासपोर्ट का इस्तेमाल सिर्फ हज यात्रा पर जाने के लिए करे। काजी को शिवड़ी कोर्ट ने फरवरी 2008 में भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत दोषी ठहराया था और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

निचली कोर्ट  के इस फैसले के खिलाफ काजी ने हाईकोर्ट में अपील की है। जो अभी सुनवाई के लिए प्रलंबित है। फिलहाल जमानत पर रिहा काजी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने बेंच के सामने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ इस मामले के अलावा दूसरा कोई आपराधिक मामला नहीं दर्ज है। यह बात हाईकोर्ट से मिली जमानत के आदेश में भी साफ की गई है।

वहीं केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील डीपी सिंह ने कहा कि ऐसे प्रकरणों में आरोपी का पासपोर्ट रेन्यु किया जाए की नहीं यह कोर्ट का विशेषाधिकारी होता है। इसलिए वह पूरी तरह से इस प्रकरण को कोर्ट पर छोड़ते है। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने व सरकार की ओर से 25 अगस्त 1993 को जारी अधिसूचना पर गौर करने के बाद बेंच ने पासपोर्ट अथारिटी को एक साल के लिए काजी का पासपोर्ट रिन्यू करने का निर्देश दिया।

इसके साथ ही कहा की काजी को सिर्फ हज पर जाने के अलावा दूसरी और किसी भी जगह जाने की अनुमति नहीं दी गई है। बेंच ने काजी को कहा है कि हज यात्रा का सारा ब्यौरा वे अपने इलाके के संबंधित पुलिस स्टेश में यात्रा के दो सप्ताह पहले जमा करें। हज यात्रा से आने के बाद वे वापसी की जानकारी भी पुलिस स्टेशन को दें। 
 

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