इंजीनियरिंग कॉलेज बंद करने के लिए हाईकोर्ट की हरी झंडी

इंजीनियरिंग कॉलेज बंद करने के लिए हाईकोर्ट की हरी झंडी

Anita Peddulwar
Update: 2020-12-14 09:01 GMT
इंजीनियरिंग कॉलेज बंद करने के लिए हाईकोर्ट की हरी झंडी

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  कामठी स्थित आईटीएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को बंद करने का रास्ता साफ हो गया है। कॉलेज स्टाफ मिथिलेश पांडे व अन्य 22 की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के एकेडमिक काउंसिल के उस फैसले को मान्य करार दिया है, जिसके तहत काउंसिल ने कॉलेज बंद करने की एनओसी जारी की है। 

दरअसल कुछ ही समय पूर्व संचालक संस्था ने यह कॉलेज बंद करने का निर्णय लिया था। नागपुर विश्वविद्यालय को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा। नागपुर यूनिवर्सिटी ने अपनी प्रारंभिक जांच के बाद एकेडमिक काउंिसल के समक्ष यह प्रस्ताव भेजा गया। काउंसिल ने प्रस्ताव मंजूर करके कॉलेज बंद करने को एनओसी दे दी। कॉलेज के शेष बचे 23 विद्यार्थियों को दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया। फिलहाल कॉलेज में सिर्फ 5 विद्यार्थी रह गए हैं।  याचिकाकर्ता काॅलेज में बीते अनेक वर्षों से कार्यरत थे।

संचालक संस्था ने इस कॉलेज को बंद करने का निर्णय लिया और याचिकाकर्ता के अनुसार एकेडमिक काउंसिल ने फैसला लेते वक्त कॉलेज के प्रबंधन को दूसरी संस्था के हाथ में सौंपने पर विचार नहीं किया। ना ही कॉलेज में कार्यरत स्टाफ को मुआवजा देने पर विचार किया गया। लेकिन हाईकोर्ट ने विविध पक्षों को सुनने के बाद यह माना विवि की एकेडमिक काउंसिल शिक्षाविदों की एक समिति है, महाराष्ट्र विश्वविद्याल अधिनियम के तहत उसे कई प्रकार के अधिकार प्राप्त है। ऐसे में उनका यह फैसला गलत नजर नहीं आता हाईकोट ने यह भी कहा कि केवल 5 विद्यार्थियों के लिए स्टाफ लगाए रखना भी ठीक नहीं है। कॉलेज प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों को निर्धारित वेतन देने की तैयारी के बाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।


 

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