लोकल ट्रेन के साथ चलाए डबल डेकर कोच-हाईकोर्ट की सलाह, सरकार ने कहा संभव नहीं

लोकल ट्रेन के साथ चलाए डबल डेकर कोच-हाईकोर्ट की सलाह, सरकार ने कहा संभव नहीं

Anita Peddulwar
Update: 2018-10-13 14:13 GMT
लोकल ट्रेन के साथ चलाए डबल डेकर कोच-हाईकोर्ट की सलाह, सरकार ने कहा संभव नहीं

डिजिटल डेस्क,मुंबई। भीड़ के चलते हो रही दुर्घटनाओं के मद्देनजर बांबे हाईकोर्ट ने मध्य व पश्चिम रेलवे को सुझाव स्वरुप कहा है कि वह लोकल ट्रेन के साथ एक डबल डेकर बोगी जोड़े। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता समीर झवेरी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सुझाव दिया। याचिका में दावा किया गया है कि लोकल ट्रेन में भीड़ के चलते रोजाना लोगों की मौत हो रही है।  इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम चाहते हैं कि रेलवे कुछ समय के लिए प्रयोग के तौर पर एक डबल डेकर बोगी लोकल ट्रेन के साथ जोड़े और फिर उसके असर का अध्ययन करे।  इससे पहले रेलवे की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि हमने सभी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद तय किया है कि डबल डेकर ट्रेन की शुरुआत नहीं की जा सकती।

उन्होंने कहा यदि लोकल ट्रेन के कोच की क्षमता सौ लोगों की है तो उसमें अभी दो सौ लोग सफर करते हैं। ऐसे में डबल डेकर कोच की क्षमता दो सौ लोगों की होगी तो उसमे चार सौ लोग सफर कर पाएंगे। लेकिन प्लेटफार्म, बाहर जाने व अंदर आने का रास्ता और दूसरे संसाधन उतने ही रहेंगे। ऐसे में यात्रियों को नियंत्रित कर पाना काफी मुश्किल होगा। खास तौर से मानसून के दौरान लोकल ट्रेने देरी से चलती हैं। ऐसे में डबल डेकर कोच जोड़ने से दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। 

जापान से सीखे रेलवे 
इस पर खंडपीठ ने कहा कि रेलवे जापान के टोकियो शहर का अध्ययन करे की वहां व्यस्त समय में कैसे भीड़ का प्रबंधन किया जाता है और वहां कैसे ट्रेने समय-सारणी के अनुसार चलती है। इस दौरान खंडपीठ ने रेलवे को पटरियों पर होनेवाली मौत को लेकर यात्रियों को जागरुक करने का भी सुझाव दिया। खंडपीठ ने कहा कि स्कूल-कालेज व अन्य संस्थानों में जाकर रेलवे लोगों को जागरुक करे। जागरुकता से एक व्यक्ति के भी प्राण बचते है तो काफी बड़ी बात होगी। यह कहते हुए खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 29 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।   इससे पहले एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरन खंडपीठ को बताया गया कि लोकल ट्रेन में दिव्यांगों के डिब्बे का रंग बदला जाएगा। जल्द ही इस विषय पर अंतिम निर्णय होगा। इससे दिव्यांगों को अपना डिब्बा पहचानने में आसानी होगी। 

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