NIA को हाईकोर्ट ने कहा- मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई में न हो देरी

NIA को हाईकोर्ट ने कहा- मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई में न हो देरी

Tejinder Singh
Update: 2018-10-22 15:14 GMT
NIA को हाईकोर्ट ने कहा- मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई में न हो देरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत को निर्देश दिया है कि वह आश्वस्त करे की  मालेगांव बम धमाके से जुड़े मुकदमे की सुनवाई में देरी न हो। 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में मस्जिद के करीब मोटर साइकिल में हुए धमाके में 6 लोगों की जान चली गई थी जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। सोमवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति अजय गडकरी की बेंच ने एनआईए की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता संदेश पाटील को कहा कि वे आश्वस्त करे की अगली सुनवाई के दौरान यानी 26 अक्टूबर को एनआईए मामले की सुनवाई टाले जाने के लिए आग्रह न करे। इस तारीख को आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जाने हैं। बेंच ने यह बात इस मामले में आरोपी समीर कुलकर्णी की ओर से दायर आवेदन पर सुनवाई के दौरान कही। आवेदन में इस मामले की सुनवाई रोजना व तेजी से पूरा करने की मांग की गई है। 

मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने मालेगांव धमाके मामले की रोजना सुनवाई करने का निर्देश देने से इंकार कर दिया और कहा कि साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिया था कि वह इस मामले की सुनवाई को तेजी से पूरा करे। इसलिए हमे तेजी से सुनवाई करने का आदेश देने की जरुरत नहीं महसूस हो रही है। अब आवश्यक है कि विशेष अदालत सुनिश्चित करे की सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन हो। 

इससे पहले एनआईए के वकील ने बेंच को आश्वस्त किया कि हमारी कोशिश रहेगी तय तारीख को ही आरोपियों पर आरोप तय किए जाए। गौरतलब है कि इस मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल प्रसाद पुरोहित, सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय, अजय रहिरकर, सुधाकर द्विवेदी व सुधाकर चतुर्वेदी को आरोपी बनाया गया है। इन सभी आरोपियों को अगली सुनवाई के दौरान गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) व भारतीय दंड संहिता के तहत आरोप तय किए जाएंगे। इन पर हत्या व आपराधिक षडयंत्र का अारोप है।

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