ट्रांसफर होने के बाद एडीशनल कमिश्नर ने कर दिया जमीन की अपील पर फैसला

ट्रांसफर होने के बाद एडीशनल कमिश्नर ने कर दिया जमीन की अपील पर फैसला

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-30 08:00 GMT
ट्रांसफर होने के बाद एडीशनल कमिश्नर ने कर दिया जमीन की अपील पर फैसला

डिजिटल डेस्क, जबलपुर । हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि जबलपुर के तत्कालीन एडीशनल कमिश्नर और वर्तमान में छिंदवाड़ा कलेक्टर डॉ. श्रीनिवास शर्मा ने ट्रांसफर होने के बाद जमीन की एक अपील का नियम विरुद्ध तरीके से फैसला कर दिया। जस्टिस विजय शुक्ला की एकल पीठ ने राजस्व अभिलेखों में यथा स्स्थिति बनाए रखने और संपत्ति के विक्रय पर रोक लगाने का आदेश दिया है। एकल पीठ ने राज्य शासन, एडीशनल कमिश्नर जबलपुर, छिंदवाड़ा कलेक्टर डॉ. श्रीनिवास शर्मा  और तहसीलदार गोहलपुर को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब-तलब किया है।
 

वसीयत को बनाया था आधार
इलाहाबाद निवासी सतीश टंडन और पुनीत टंडन की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उनके पिता हरिमोहन दास टंडन की माढ़ोताल में तीन एकड़ जमीन थी। उन्होंने वर्ष 2009 में उस जमीन को जबलपुर निवासी गुरविंदर सिंह भसीन और रोहित खटवानी को बेच दी थी। गुप्तेश्वर निवासी राजेन्द्र तिवारी ने एक अपंजीकृत वसीयत के आधार पर जबलपुर के तत्कालीन एडीशनल कमिश्नर डॉ. श्रीनिवास शर्मा के समक्ष जमीन अपने नाम दर्ज कराने के लिए अपील पेश की। अपील में कहा गया कि हरिमोहन दास टंडन ने वर्ष 2002 में वसीयत के जरिए जमीन राजेन्द्र तिवारी के नाम पर कर दी थी। अपील पर 24 दिसंबर 2018 को फैसले की तिथि नियत की गई थी।
 

20 दिसंबर को हो गया था ट्रांसफर
अपील के विचाराधीन रहने के दौरान 20 दिसंबर 2018 को डॉ. श्रीनिवास शर्मा का ट्रांसफर कर दिया। उन्हें छिंदवाड़ा कलेक्टर बना दिया गया। उन्होंने 20 दिसंबर को ही अपील पर फैसला सुनाते हुए अपंजीकृत वसीयत के आधार पर राजस्व अभिलेखों में राजेन्द्र तिवारी का नाम चढ़ाने का आदेश दे दिया। इसके पूर्व गोहलपुर तहसीलदार और एसडीओ द्वारा राजेन्द्र तिवारी का प्रकरण खारिज किया जा चुका है।
 

पक्षकारों को नोटिस भी जारी नहीं हुए
अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया कि अपील में पक्षकारों को नोटिस भी जारी नहीं किया गया। तत्कालीन एडीशनल कमिश्नर ने ट्रांसफर होने के बाद भी नियम विरूद्द्ध तरीके से अपील का फैसला कर दिया। प्रांरभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने राजस्व अभिलेखों में यथा स्स्थिति बनाए रखने और संपत्ति के विक्रय पर रोक लगा दी है। एकल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है।

 

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