स्कूलों की बदहाली पर मनपा को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- स्कूल बंद होना खेदनजक

स्कूलों की बदहाली पर मनपा को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- स्कूल बंद होना खेदनजक

Anita Peddulwar
Update: 2019-12-13 08:34 GMT
स्कूलों की बदहाली पर मनपा को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- स्कूल बंद होना खेदनजक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मराठी स्कूलों के प्रति लापरवाही बरतने वाली नागपुर महानगरपालिका को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने फटकार लगाई है। मनपा द्वारा विद्यार्थियों की कमी के कारण 61 में से 34 मराठी स्कूल बंद कर दी गई है। अखिल भारतीय दुर्बल समाज द्वारा मराठी स्कूल बंद करने के मनपा के फैसले के खिलाफ कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इसके बाद मनपा ने प्रायोगिक तौर पर तीन स्कूलों को दोबारा शुरू किया, लेकिन उनका भी रखरखाव नहीं किया जा रहा है।

हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आशुतोष धर्माधिकारी ने स्कूलों की मौजूदा तस्वीरें दिखाई और बताया कि मनपा कैसे इन स्कूलों के रखरखाव में लापरवाही बरत रही है। इस पर मनपा को फटकारते हुए हाईकोर्ट ने  एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।  पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने मराठी माध्यम की स्कूलों की बदहाली और उनसे दूर होते विद्यार्थियों पर चिंता जाहिर करते हुए मनपा और शिक्षा विभाग को ठोस कदम उठाने के आदेश दिए थे।

कोर्ट ने मनपा को दोबारा स्कूल शुरू करने पर भी जवाब मांगा था। जिस पर मनपा ने 3 मराठी स्कूलों को प्रायोगिक तौर पर शुरू करने की जानकारी दी थी। हाईकोर्ट ने मनपा की इस पहल की तारीफ करते हुए हर माह मराठी स्कूलों की प्रगति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे।  अब मनपा की इस दिशा मंे लापरवाही सामने आ रही है। 

यह प्रार्थना है
मनपा द्वारा बंद की कई स्कूलों में अब असामाजिक तत्वों का डेरा है। परिसर के कुछ लोग वहां अपने मवेशी बांधने लगे हैं। स्कूल बंद होने से इमारतों की ऐसी बदहाली पर याचिकाकर्ता ने आपत्ति उठाई है। दलील है कि मराठी प्रदेश की राष्ट्रभाषा है। मराठी स्कूलों से पढ़ने वाले कई विद्यार्थी बड़े पदों पर पहुंचे हैं। यदि मराठी शिक्षा को हाईटेक किया जाए, उनकी गुणवत्ता बढ़ाई जाए तो अब भी यह स्कूलें चलाई जा सकती हैं। मराठी माध्यम की स्कूलों के विकास के लिए जरूरी आदेश जारी करने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की गई है। 

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