हाईकोर्ट ने निरस्त की झोलाछाप डॉक्टर को मिली अग्रिम जमानत - राज्य शासन को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश

हाईकोर्ट ने निरस्त की झोलाछाप डॉक्टर को मिली अग्रिम जमानत - राज्य शासन को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-12 09:25 GMT
हाईकोर्ट ने निरस्त की झोलाछाप डॉक्टर को मिली अग्रिम जमानत - राज्य शासन को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने जबलपुर काँचघर निवासी डॉ. जितेन्द्र सिंह वर्मा को पूर्व में हाईकोर्ट द्वारा दी गई अग्रिम जमानत निरस्त कर दी है। डिवीजन बैंच ने यह आदेश डॉक्टर वर्मा की ओर से पेश  डिग्री फर्जी पाए जाने के बाद दिया है।  डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार को झोलाछाप डॉक्टरों के मामले में रिपोर्ट पेश करने के लिए 15 सितंबर तक का समय दिया है। कोतवाली निवासी ऋषिकेश सराफ की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि कोरोना काल में जबलपुर में बड़े पैमाने पर झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। झोलाछाप डॉक्टरों के गलत इलाज की वजह से कई मरीजों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पारितोष गुप्ता की ओर से झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की गई। सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आया कि  काँचघर निवासी डॉ. जितेन्द्र सिंह वर्मा के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया था, लेकिन उन्हें हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है। इस मामले में संज्ञान लेते हुए डॉ. वर्मा को डिग्री पेश करने का नोटिस जारी किया गया। डिग्री फर्जी पाए जाने के बाद डिवीजन बैंच ने डॉ. वर्मा को मिली अग्रिम जमानत निरस्त कर दी है। 

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