नागपुर कलेक्ट्रेट में एजेंट बने हाईटेक दलाल, आईडी का गलत इस्तेमाल कर वसूल रहे रकम

नागपुर कलेक्ट्रेट में एजेंट बने हाईटेक दलाल, आईडी का गलत इस्तेमाल कर वसूल रहे रकम

Anita Peddulwar
Update: 2020-06-18 10:33 GMT
नागपुर कलेक्ट्रेट में एजेंट बने हाईटेक दलाल, आईडी का गलत इस्तेमाल कर वसूल रहे रकम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आम नागरिकों को विभिन्न प्रमाण-पत्र आसानी से उपलब्ध हो, इसके लिए राज्य सरकार ने ‘आपले सरकार सेवा केंद्र’ शुरू किए हैं। सुविधा के लिए लगभग हर इलाके में ‘आपले सरकार सेवा केंद्र’ अंतर्गत प्रतिनिधि (एजेंट) नियुक्त किए गए हैं। प्रत्येक प्रतिनिधि को एक आईडी दी गई। शर्त है कि वे अपने इलाकों के अलावा दूसरी जगह आईडी का इस्तेमाल नहीं करेंगे, लेकिन अब ये प्रतिनिधि आईडी का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

इन्होंने बनाया कमाई का ‘ठिया’  
एजेंट लैपटॉप लेकर जिलाधिकारी और तहसील कार्यालय परिसर में ही ग्राहकों की तलाश करते हैं। ऑनस्पॉट आवेदन भेजने का झांसा देते हैं। 
कुछ तहसील कार्यालय के बाहर जेरॉक्स की दुकान में बैठकर काम कर रहे हैं तो कुछ परिसर में झोला लेकर घूमकर दलाली कर रहे हैं। 

पहले यह महा-ई-सेवा था 
राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में ‘आपले सरकार सेवा केंद्र’ की शुरूआत की थी। पहले इसका नाम महा-ई-सेवा था, जिसे बाद में बदला गया। योजना अंतर्गत 302 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है। इसमें आय प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, डोमिसाइल सहित विविध प्रमाण-पत्र और सरकारी की अनेक योजना अंतर्गत आवेदन किए जा सकते हैं। 

‘धंधा’ जारी है... स्थानीय लोगों ने किया स्टिंग  
शहर में 178 एजेंट सहित संपूर्ण नागपुर जिले में 374 एजेंटों की नियुक्ति की गई है। प्रत्येक प्रमाण-पत्र पर इन एजेंटों को 22 से 25 प्रतिशत तक कमीशन मिलता है। इन्हें काम करने के लिए एक आईडी दी गई है। ये आईडी का इस्तेमाल अपने निर्धारित इलाकों में ही कर सकते हैं। अपने एरिया से बाहर जाकर ये आईडी का इस्तेमाल नहीं कर सकते। ये काम भी इन्हें अपने तय ऑफिस से ही करना है, लेकिन अब ज्यादा कमाई के चक्कर में कुछ एजेंटों ने दलाली का काम शुरू कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से इनका ‘धंधा’ लगातार जारी है। कुछ स्थानीय लोगों ने ही इनका स्टिंग किया। 

कार्रवाई करने का अधिकार जिलाधिकारी को 
कोई भी प्रतिनिधि आईडी लेकर दूसरी जगह काम नहीं कर सकता है। इस मामले में तहसील कार्यालय के सामने शपथ-पत्र बनाने वाले एजेंट का बयान दर्ज कर जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेज दी है। यह जिलाधिकारी का अधिकार है कि वे क्या कार्रवाई करते हैं।  -सुनील सालवे , नायब तहसीलदार, नागपुर
 

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