हनीट्रैप vs सेक्स स्कैंडल : एसडीएम और तहसीलदार सस्पेंड, अधिकारियों में हड़कंप

हनीट्रैप vs सेक्स स्कैंडल : एसडीएम और तहसीलदार सस्पेंड, अधिकारियों में हड़कंप

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-01 09:20 GMT
हनीट्रैप vs सेक्स स्कैंडल : एसडीएम और तहसीलदार सस्पेंड, अधिकारियों में हड़कंप

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हनी ट्रैप धन्वंतरी नगर सेक्स कांड में  मैं फंसे एसडीएम पाटन पीके सेन गुप्ता और शहपुरा के तहसीलदार अनूप श्रीवास्तव को अंतत: जबलपुर संभाग के कमिश्नर आशुतोष अवस्थी ने सस्पेंड कर दिया। गौरतलब है कि इस पूरे कांड की मास्टरमाइंड धन्वंतरी नगर पुलिस चौकी के प्रभारी महिला एसआई को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है। इस पूरे मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

...हो रही है जांच
पुलिस ने पिछले 24 घंटे में जो पड़ताल की है उसके अनुसार चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसमें पुलिस प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी रेत और शराब माफिया तथाकथित पत्रकारों के साथ कुछ नेताओं का ब्लैक मेलिंग करने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश हुआ है।सूत्रों के अनुसार इस मामले में उक्त महिला एसआई को पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है जिसे  कि पहले ही सस्पेंड किया जा चुकर है। इस महिला ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की थी। यह एसआई योजना के तहत सेक्स वर्कर  को चारे की तरह अधिकारियों के  सामने पेश कर उनका  मनमाफिक उपयोग करना चाह रही थी।

इस सिलसिले में युवतियों को भी नोटिस जारी किए गए हैं जो इस स्कैंडल में पाई गई थी। इस मामले की जांच अधिकारी एसपी संजीव उइके ने पिछले 24 घंटे में जो जांच की उसके अनुसार धनवंतरी नगर चौकी और जसूजा सिटी के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज चेक एिक है जिसमें सेक्स वर्कर महिला को उपस्थित देख कर उनको बयान के लिए नोटिस जारी किए गए। आरोपों से घिरे प्रशासनिक अधिकारियों व अन्य संदिग्धों के कॉल डिटेल भी चेक किए जा रहे हैं।

क्या है मामला
धनवंतरी नगर स्थित जसूजा सिटी में सैक्स रैकेट चलने की सूचना पर जब पुलिस ने छापा मारा तो वह घर शहपुरा तहसीलदार का निकला। उसके घर में   पाटन  में पदस्थ  एसडीएम  भी मिले। वहां दो महिलाओं के भी साथ होने की खबर थी, लेकिन महिलाएं वास्तव में वहां थी कि नहीं उसका खुलासा नहीं हो पाया। महिलाओं के साथ पकड़े जाने की खबर इतनी तेजी से फैली कि सुबह होने तक वीडियो भी सामने आ गया  और उसमें एसडीएम पीके सेनगुप्ता एवं तहसीलदार अनूप श्रीवास्तव के अलावा वीडियो बना रहे तीन चार लोग भी दिखाये दिए। एक एएसआई सीताराम गोंटिया भी वीडियो में नजर आया।

पूरे मामले में यह खबर भी  फैली कि अधिकारियों के साथ महिलाएं भी थीं, वहीं दूसरी ओर यह कहा गया कि महिलाएं लेकर पहुुंचे लोग महिलाओं को  लेकर घर में नहीं घुसा पाये थे और उन्होंने ही यह अफवाह फैला दी कि अधिकारी महिलाओं के साथ पकड़े गए। कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों का कहना था कि यह सब अधिकारियों को ब्लैकमेल करने के इरादे से साजिश रची गई।

कार्रवाई को गलत ठहराया
 इस मामले में एसडीएम पीके सेनगुप्ता और तहसीलदार अनूप श्रीवास्तव को निलंबित किया जाने की कार्रवाई को मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने गलत ठहराया है। उनका कहना है कि वायरल वीडियो की जांच करने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाना चाहिए थी।

 

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