दहेज की आग : बहु को जलाकर मारने वाले आरोपी पति-सास और देवर को उम्रकैद

दहेज की आग : बहु को जलाकर मारने वाले आरोपी पति-सास और देवर को उम्रकैद

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-08 07:42 GMT
दहेज की आग : बहु को जलाकर मारने वाले आरोपी पति-सास और देवर को उम्रकैद

डिजिटल डेस्क, टीकमगढ़। ससुराल पक्ष के लोगों द्वारा बहु को प्रताडि़त कर कैरोसिन डाल जलाने और उपचार दौरान उसकी मौत के मामले की सुनवाई सत्र न्यायाधीश अरूण कुमार शर्मा द्वारा की गई। मामला में दोष सिद्ध पाए जाने पर मृतका के पति-सास और देवर को जहां आजीवन कारावास से दंडित किया गया है। वहीं ससुर और ननद को तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास के साथ ही अर्थदंड से दंडित किया गया है। शासन की ओर से मामले की पैरवी कर रहे लोक अभियोजक लखन लाल नायक ने बताया कि श्रीमति जयंति का विवाह अभियुक्त रविन्द्र पुत्र रघुवीर अहिरवार निवासी दिगौडा के साथ हुआ था। 31 दिसम्बर 2014 को जिला अस्पताल टीकमगढ़ में जयंति अहिरवार उम्र 22 साल को उसका पति रविन्द्र अहिरवार और अन्य परिजन जली हुई अवस्था में उपचार के लिए लेकर पहुंचे थे। इन सभी ने जयंति के जलने का कारण स्टोव से जलना बताया था।

जिला अस्पताल में डॉक्टर द्वारा पीड़िता का परीक्षण किया गया और पाया कि वह बेहोशी की अवस्था में है। उसके शरीर पर जलने के कई गहरे घाव हैं,इस दौरान डॉक्टर ने पाया कि मृतका का पति भी जला हुआ था। डॉ.द्वारा पुलिस को मृत्यू पूर्व कथन के लिए सूचना दी गई। पीड़िता के मरणासन्न कथन के बाद उसे उपचार के लिए गंभीर अवस्था में ग्वालियर भेजा गया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शव को पीएम के बाद परिजनों के सुपुर्द किया गया ,मर्ग इंटीमेशन पर जांच और मरणासन्न कथन पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर चालान न्यायालय में पेश किया।

विद्वान सत्र न्यायाधीश अरूण कुमार शर्मा ने मामला दोष सिद्ध पाते हुए आरोपी रविन्द्र अहिरवार, ईलू उर्फ देवेन्द्र अहिरवार, राजकुमारी अहिरवार को धारा 302 आईपीसी की सहपठित धारा 34 के अपराध में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं दो-दो सौ रूपये अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं इसी मामले में अभियुक्त रघुवीर अहिरवार की उम्र अधिक होने और रूबी की आयु कम होने केचलते न्यायालय ने उदारतापूर्ण रूख अपनाते हुए तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास और 5-5 सौ रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

दहेज के लिए गर्भवती बहु को करते थे प्रताड़ित
लोक अभियोजक एलएल नायक ने बताया कि जयंति के ससुराल पक्ष के लोग उसे शादी के बाद से ही दहेज के लिए परेशान करते थे। जिसका उल्लेख मरणासन्न कथनों में पीड़िता द्वारा किया गया था। जिस समय आरोपियों ने उक्त घटना को अंजाम दिया था, उस समय मृतका जयंति के पेट में तीन-चार माह का गर्भ ठहरा हुआ था। जो जयंति की मौत के साथ ही खत्म हो गया।

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