तलाक की अपील अवधि में किया दूसरा विवाह, पति को दो साल की सजा

तलाक की अपील अवधि में किया दूसरा विवाह, पति को दो साल की सजा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-10 13:33 GMT
तलाक की अपील अवधि में किया दूसरा विवाह, पति को दो साल की सजा

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जिला अदालत ने तलाक के फैसले की अपील अवधि में दूसरा विवाह करने वाले पति को दो साल का कारावास और पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। जेएमएफसी प्रीतिशिखा अग्निहोत्री ने अपने फैसले में कहा है कि हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 15 में विवाह विच्छेद प्राप्त व्यक्ति विवाह विच्छेद की डिक्री की अपील हो जाने पर अपील के खारिज होने के बाद ही दूसरा विवाह कर सकता है। आरोपी पारस पटेल ने अपील अवधि में अपील प्रस्तुत हो जाने के बाद अपील के खारिज हुए बिना दूसरा विवाह किया है। इसलिए आरोपी भादंवि की धारा 494 के तहत दोषी है।
यह है पूरा मामला-
आमनपुर मदनमहल निवासी स्मिता पटेल की ओर से दायर प्रकरण में कहा गया कि उसका विवाह 12 अप्रैल 2004 को बम्हनी बंजर मंडला निवासी पारस पटेल के साथ हुआ था। विवाह के कुछ दिन बाद दोनों के बीच अनबन हो गई। पारस पटेल ने अपनी पत्नी के खिलाफ मंडला की जिला अदालत में तलाक का प्रकरण दायर कर दिया। मंडला के अपर जिला न्यायाधीश ने 21 सितंबर 2011 को पति-पत्नी के बीच तलाक का फैसला दिया। इसके बाद 28 अक्टूबर 2011 को पारस पटेल ने दूसरा विवाह कर लिया।
परिवाद पेश किया-
आवेदिका की ओर से जबलपुर की जिला अदालत में पति के खिलाफ दूसरा विवाह करने के मामले में धारा 494 के तहत परिवाद पेश किया। आवेदिका की ओर से अधिवक्ता राकेश पांडे, एनआर भोंसले और अशोक पटेल ने तर्क दिया कि हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 15 में विवाह विच्छेद प्राप्त व्यक्ति अपील हो जाने पर अपील के खारिज होने के बाद ही दूसरा विवाह कर सकता है। आवेदिका ने तलाक की अपील अवधि 90 दिन के भीतर हाईकोर्ट में अपील पेश कर दी थी। इस मामले में आरोपी भी सुनवाई के दौरान हाजिर रहा। इसके बाद भी आरोपी ने अपील अवधि के दौरान दूसरा विवाह कर लिया। सुनवाई के बाद न्यायालय ने पति को दूसरा विवाह करने का दोषी पाते हुए 2 साल का कारावास और पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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