राकांपा अध्यक्ष यूपीए की कमान संभालते हैं तो आंनद की बात है: सांसद राउत

राकांपा अध्यक्ष यूपीए की कमान संभालते हैं तो आंनद की बात है: सांसद राउत

Anita Peddulwar
Update: 2020-12-12 14:28 GMT
राकांपा अध्यक्ष यूपीए की कमान संभालते हैं तो आंनद की बात है: सांसद राउत

डिजिटल डेस्क, नाशिक । शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा, अगर शरद पवार यूपीए के अध्यक्ष होते हैं, तो यह आनंद की बात है। श्री पवार में देश का नेतृत्व करने की क्षमता है। इसके बावजूद वह कांग्रेसकाल में प्रधानमंत्री की कुर्सी तक नही पहुंचे। क्योंकि उत्तर दिशा के नेता श्री पवार का नाम सुनते ही तिलमिला जाते है। इस दौरान सांसद श्री राऊत ने  आगामी स्थानिक स्वराज्य संस्था के सभी चुनाव में महाविकास आघाड़ी ने एकसाथ लड़ने का निर्णय होने की बात कही। कहा कि, मुंबई और नाशिक में आगामी महापौर शिवसेना का ही होगा।  श्री राऊत ने नाशिक में आयोजित पत्रकार परिषद को संबोधित किया। उन्होंने आगे कहा, मुंबई और नाशिक दोनों जगह पर पहले नंबर की पार्टी के रूप में शिवसेना खड़ी  है। सभी का सम्मान रखते हुए चुनाव में उतरेंगे।

शिक्षक और पदवीधर चुनाव में एक साथ लड़ने से लाभ हुआ है। ईडी और सीबीआई के मुद्दे पर राऊत ने कहा, ईडी और सीबीआई   भाजपा के कार्यकर्ता जैसा बर्ताव न करें। केंद्र सरकार की अपेक्षित यह संस्था काम कर रही है। इससे ईडी और सीबीआई की प्रतिमा मलिन हो रही है। शरद पवार के बारे में  राऊत ने कहा, पवार कांग्रेस की बदोलत प्रधानमंत्री पद तक नहीं पहुंच पाए, जो मैं पहले से कह रहा हुं। पवार को पहले ही प्रधानमंत्री पद पर विराजमान होने का अवसर मिलना चाहिए था। श्री पवार के दबदबे के आगे उत्तर दिशा के नेता हमेशा डरते थे। इसलिए उन्होंने हमेशा पवार की समस्या बढ़ाई। श्री पवार में देश का नेतृत्व करने की क्षमता है। यूपीए के नेतृत्व पर  राऊत ने कहा, यूपीए का नेतृत्व किसने  करना चाहिए? इस पर हमेशा चर्चा होती है, परंतु आज तक निर्णय नहीं हुआ है। राज्य का नेता यूपीए का अध्यक्ष हुआ तो आनंद है। किसानों द्वारा शुरू किए गए आंदोलन के बारे में बोलते हुए राऊत ने कहा, किसानों का आंदोलन किसी ने भी हाईजैक नहीं किया है। वह किसानों का ही आंदोलन है। किसानों की समस्या पर सरकार एक कदम पीछे हटेगी तो इसमें उनकी हार नहीं है। किसानों के आंदोलन में पाकिस्तान और चीन का हाथ होगा तो देश के सुरक्षा मंत्री चुप क्यों है? ऐसा सवाल पूछते हुए उन्होंने राज्यपाल की भूमिका के बारे में कहा, हमारा संविधान पर भरोसा है। राज्यपाल का सरकार के कामकाज में कोई हस्तक्षेप नहीं है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे किसी का भी घटनाबाह्य हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करते।
 

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