कोरोना संकट का असर, लॉकडाउन में 40 हजार बच्चों की छूटी पढ़ाई

कोरोना संकट का असर, लॉकडाउन में 40 हजार बच्चों की छूटी पढ़ाई

Anita Peddulwar
Update: 2021-02-06 09:20 GMT
कोरोना संकट का असर, लॉकडाउन में 40 हजार बच्चों की छूटी पढ़ाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना संकट में देश में लॉकडाउन हुआ। स्कूलों को ताले लग गए। विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान टालने के लिए ऑनलाइन एजुकेशन का विकल्प चुना गया। नई व्यवस्था में मनपा और जिला परिषद स्कूलों के 40 हजार विद्यार्थियों की पढ़ाई छूट गई। स्कूलाें के निजीकरण में सरकारी स्कूल शैक्षणिक गुणवत्ता में पिछड़ गए।

मनपा व जिला परिषद स्कूलों की विद्यार्थी संख्या तेजी से कम हो गई। जो अभिभावक निजी स्कूलों की फीस चुकाने में सक्षम नहीं हैं, वही अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेज रहे हैं। लॉकडाउन में स्कूल बंद होने पर ऑनलाइन शिक्षा की सबसे ज्यादा मार उन्हीं पर पड़ी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सरकारी स्कूलों के 50 प्रतिशत विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा से जुड़ पाए। अन्य विद्यार्थियों के पास एंड्राॅयड मोबाइल की सुविधा नहीं रहने से जुड़ ही नहीं पाए। जबकि हकीकत कुछ और ही है। शिक्षा क्षेत्र के जानकारों की मानें तो 70 प्रतिशत विद्यार्थी ऑनलाइन एजुकेशन से वंचित रहे।

इन समस्याओं से जूझते रहे
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकांश विद्यार्थी गरीब परिवार से हैं। आधे से ज्यादा विद्यार्थियों के पास एंड्राॅयड मोबाइल सुविधा नहीं रहने से पूरे समय ऑनलाइन शिक्षा से दूर रहे। जिनके पास एंड्राॅयड मोबाइल है, उनमें से अनेक विद्यार्थी आर्थिक तंगी के चलते इंटरनेट पैक नहीं डलवा पाए। ग्रामीण क्षेत्र में विद्यार्थी इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या से जूझते रहे। मोबाइल और इंटरनेट पैक डलवाने के बाद भी ऑनलाइन एजुकेशन का लाभ नहीं उठा पाए। 

शिक्षा विभाग ऑनलाइन संख्या से बेखबर
मनपा के 129 स्कूल में 14 हजार और जिला परिषद के 1536 स्कूल में 68 हजार से अधिक विद्यार्थी हैं। मनपा स्कूल के 7-8 हजार के आसपास और जिला परिषद स्कूल के 35 हजार विद्यार्थी ऑनलाइन एजुकेशन एप से जुड़ने का शिक्षा विभाग का दावा है। इसमें से कितने विद्यार्थियों ने ऑनलाइन एजुकेशन का लाभ उठाया, इस बात से शिक्षा विभाग बेखबर है। मनपा और जिला परिषद दोनों स्थानीय निकाय के पास यह आंकड़ा नहीं है।

विद्यार्थियों का निश्चित आंकड़ा भी नहीं
 स्थानीय निकाय के शिक्षा विभागों का यह हाल है कि अभी तक विभाग के पास अपने स्कूल के विद्यार्थियों का निश्चित आंकड़ा भी नहीं है। जो आंकड़े बताए जा रहे हैं, वह गत शैक्षणिक सत्र के हैं। शिक्षा क्षेत्र के सूत्रों ने बताया कि स्कूल खुलने के बाद ही विद्यार्थियों का निश्चित आंकड़ा पता चल सकता है।

सिमटी मनपा की टैब योजना
दसवीं और बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को ऑनलाइन एजुकेशन का लाभ दिलाने के लिए टैब योजना बनाई गई। टैब के साथ इंटरनेट भी उपलब्ध कराने का नियोजन किया गया। शैक्षणिक सत्र समाप्त होने की कगार पर पहुंच गया है। सरकारी प्रक्रिया में अभी तक टैब की खरीदी तक नहीं हो पाने से विद्यार्थियों की टैब योजना कागजों में सिमटकर रह गई है।

स्कूल की पढ़ाई ही हल 
जिला परिषद स्कूलों की विद्यार्थी संख्या 68 हजार के आसपास है। इसमें से 35 हजार विद्यार्थी ऑनलाइन एजुकेशन एप से जुड़े हैं। धीरे-धीरे स्कूल खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। स्कूल में विद्यार्थियों को पढ़ाए जाने से ऑनलाइन एजुकेशन की समस्या से जल्द छुटकारा मिलेगा। -चिंतामण वंजारी, जिला शिक्षणाधिकारी (प्राथमिक), जिला परिषद नागपुर।

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