एमबीबीएस में प्रवेश दिलाने एनसीएल अधिकारी ने की लाखों की धोखाधड़ी

एमबीबीएस में प्रवेश दिलाने एनसीएल अधिकारी ने की लाखों की धोखाधड़ी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-22 08:05 GMT
एमबीबीएस में प्रवेश दिलाने एनसीएल अधिकारी ने की लाखों की धोखाधड़ी

डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। एनसीएल में अधिकारी के पद पर कार्यरत एक व्यक्ति द्वारा अपने ही साथी कर्मियों के साथ लाखों की धोखाधड़ी करने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है । मामला वर्ष 2015 का बताया जाता है, इसका आरोपी कंपनी में उस समय  वित्त प्रबंधक के तौर पर कार्यरत था। आरोपी के खिलाफ  उसके ही पहचान वाले कंपनी में कार्यरत कर्मी राजाराम चतुर्वेदी निवासी खडिय़ा कालोनी यूपी द्वारा शिकायत काफी समय पहले की गई थी। जिसमें उसने पुलिस को बताया था कि उसकी पुत्री को एमबीबीएस में प्रवेश दिलाने के नाम पर आरोपी ने पहले 25 लाख रुपये लिए थे और इसके बाद उसकी पुत्री को कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया था। लंबे समय बाद इस शिकायत की जांच पूर्ण होने के बाद अब मोरवा पुलिस ने इसमें आरोपी विनोद गुप्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया है। पीडि़त के अनुसार आरोपी ने उनके अलावा भी कंपनी के कई लोगो को ऐसे ही कॉलेज में प्रवेश के नाम पर लाखों का चूना लगाया है।

ये है पूरा मामला
पीडि़त शिकायतकर्ता श्री चतुर्वेदी के अनुसार 17 अक्टूबर 2015 को उनकी मुलाकात एनसीएल मुख्यालय में विनोद गुप्ता से हुई थी। जहां उन्होंने अपनी पुत्री की पढ़ाई की चर्चा की थी। तब विनोद ने कहा था कि अगर उनकी 12वीं पास कर लिया हो वह उनकी पुत्री का एडमीशन सीपीएमटी परीक्षा मैनेजमेंट कोटा के आधार पर एमबीबीएस में करा देगा। एडमिशन आईजीआईएमएस (इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ  मेडिकल साइंस) पटना में कराने को कहा था। जिसमें साढ़े चार वर्ष की हॉस्टल फीस, सिक्योरिटी सहित अन्य की कुल 25 लाख रुपये फीस लगेगी। फिर विनोद ने श्री चतुर्वेदी से कहाकि आगर वाकई प्रवेश कराना है तो कुछ पैसे दे दो ताकि आज ही सीट बुक करा दूं। श्री चतुर्वेदी विनोद ने 5.40 लाख रुपये विनोद के बैंक खाते में जमा करा दिए थे। इसके बाद विनोद ने कहा था कि बाकी का पैसा 2-3 दिन के भीतर जमा कर दीजिए। जिसके बाद श्री चतुर्वेदी ने बाकी पैसे भी विनोद को दे दिए थे। लेकिन उनकी बेटी का एडमिशन नहीं हुआ। पैसे मांगने पर आरोपी ने मना कर दिया और कागजात भी नहीं लौटाये।

दूसरी बार भी की धोखाधड़ी
पीडि़त के अनुसार आरोपी विनोद ने वर्ष 2016 में उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी पुत्री का प्रवेश लखनऊ के जीसीआरजी मेडिकल कॉलेज में कराएगा। इसके लिए भी उसने 4 लाख 40 हजार रुपये जमा कराये लेकिन कॉलेज में प्रवेश नहीं मिला।

 

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